टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : देश के अधिकतर राज्यों में बारिश हो रही है. बात झारखंड कि करें तो मानसून इस बार झारखंड में देरी से दस्तक दी. हालांकि पिछले तीन दिनों से राज्यभर में बारिश हो रही है. जिससे किसानों को थोड़ी राहत मिली है. लेकिन अभी भी राज्यभर में कई ऐसे जिले है जहां औसत से कम बारिश हुई है. जो कहीं ना कहीं चिंता का विषय बना हुआ है. वहीं कम वर्षा होने से राज्य में एक बार फिर सुखाड़ जैसे हालत दिख रहे है.
राज्य के सभी जिलों में हुई कम वर्षा
बात झारखंड में मानसून कि करें तो राज्य में सबसे खराब हाल पाकुड़ का है जहां अब तक केवल 165.8 एमएम बारिश हुई है. वहीं दूसरे नंबर पर चतरा जहां फिलहाल 127 एमएम बारिश हुई है. बात संथाल परगना की करें तो गोड्डा में पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. इसी तरह देवघर में 54 प्रतिशत कम वर्षा, दुमका में 42 प्रतिशत, जामताड़ा में 52 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. वहीं अन्य जिलों की बात करें तो बोकारो में 39%, धनबाद में 35% , पू. सिंहभूम में 51 %, गढ़वा में 49% , गिरिडीह में 54% , गुमला में 43 %, हजारीबाग में 51% ,खूंटी में 41% , कोडरमा में 53% , लातेहार में 40% , लोहरदगा में 65 %, पलामू में 52 %, रामगढ़ में 51 %, रांची में 42 , साहिबगंज में 26% , सरायकेला में 39% , प. सिंहभूम में 56% कम वर्षा हुई है.
कृषि विभाग अलर्ट
वहीं मानसून की कमजोर हालत देख राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखे है. साथ ही सीएम ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए सभी जिलों का वास्तविक आकलन करने का निर्देश दिया है. यहां आपकों बता दें कि इस वर्ष कृषि विभाग को राज्य में 18 लाख हेक्टेयर धान लगाने का टारगेट दिया गया था, लेकिन मानसून कमजोर पड़ता देख केवल 10 प्रतिशत क्षेत्र में ही धान रोपनी की गई है.
सात बार झारखंड में मानसून आने मेंं हुई देरी
अगर पिछले 9 साल के आंकड़ों की बात करें तो साल 2016 व 2021 को छोड़कर सात बार झारखंड में मानसून देरी से पहुंचा है, और हर बार सामान्य से कम वर्षा हुई है. साल 2018 कि बात करें तो 2018 में सबसे ज्यादा देरी से मानसून ने राज्य में प्रवेश किया था. उस वर्ष राज्य में 784.4 मिमी कम वर्षा हुई थी. वहीं 2022 में मानसून ने 18 जून को प्रवेश किया था. इसके साथ ही 2023 में 20 जून को मानसून ने राज्य में प्रवेश किया था. जिससे पिछले साल भी अधिकांश जिलों में सुखाड़ जैसे हालत बने थे. 2024 कि बात करें तो 19 से 20 जून तक मानसून के प्रवेश करने की बात थी, लेकिन 23 जून को झारखंड में मानसून ने प्रवेश किया है. इस बार भी मानसून ने राज्य में आने से देरी की है. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ सकती है.
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