Ranchi-जिस अडाणी विद्युत संयंत्र को उपलब्धि के बतौर पेश कर निशिकांत दुबे अपनी चौथी पारी के लिए आत्मविश्वास के लबरेज थें, अब वही अडाणी संयत्र उनके गले की हड्डी बनता दिखना लगा है. इस बार गोड्डा में प्रदूषण सबसे बड़ा मुद्दा बनता दिखाई देने लगा है. ध्यान रहे कि गोड्डा के सुंदरपहाड़ी के पास अडाणी की कोयला बिजली परियोजना है. जबकि साहिबगंज के पास गंगा नदी पर पंपिंग स्टेशन हैं. यहीं से बिजली सयंत्र को ठंडा करने के लिए पानी का भेजा जाता है. दावा किया जा रहा है कि इस संयंत्र के कारण गोड्डा में प्रदूषण फैला रहा है. तापमान में भी बढ़ोत्तरी हुई है. जबकि इस विद्युत संयंत्र के उत्पादित बिजली को बंग्लादेश को भेजा जाता है. जिसके कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश है, खासकर आदिवासी समूहों में यह विरोध कुछ ज्यादा है. कई आदिवासी अडाणी परियोजना पर अपनी जमीन भी अवैध रुप से कब्जा करने का आरोप लगाते रहे हैं.
सीएम चंपाई को गोड्डावासियों से अपील
इसी विरोध को धार देने की कोशिश में कल गोड्डा में चंपाई सोरेन ने इसे मुद्दा बना दिया, और इसके साथ ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि “आज गोड्डा में कांग्रेस/ इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी प्रदीप यादव की नामांकन सभा में शामिल हुआ. झारखंड में जल- जंगल- जमीन की लड़ाई में गोड्डा एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. पूरा देश जानता है कि डबल इंजन की सरकार के दौरान, गोड्डा के आदिवासियों से जबरन जमीन छीन कर एक औद्योगिक समूह को दे दी गई थी. फिर उस जमीन पर एक पावर प्लांट बनाया गया, जिसकी पूरी बिजली बांग्लादेश को जाती है. गोड्डा के गांवों या राज्य को उस से एक यूनिट भी बिजली नहीं मिलती. मतलब जमीन हमारी गई, प्रदूषण झारखंड के लोग झेलते हैं और बिजली बांग्लादेश को? यह कैसा विकास है? और किस का? इस बार वोट देने से पहले इस सवाल का जवाब खोज लीजिएगा.
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