रांची (RANCHI) सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण जैसे विषय पर बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला दिया है कोर्ट ने कहा है कि हम पूरे देश के हिसाब से इस समस्या को देख रहे हैं. यह किसी एक राज्य विशेष से जुड़ा हुआ मामला नहीं हो सकता. इस पर गंभीर होने की जरूरत है.सुप्रीम कोर्ट में यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा है कि धर्मांतरण का मामला गंभीर है किसी दबाव या प्रलोभन की वजह से धर्मांतरण करना या कराना बिल्कुल गलत है. इस पर गंभीर प्रयास करने की जरूरत है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पैनल का गठन करना गलत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि धोखे या जबरन धर्म परिवर्तन कराना गलत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पैनल का गठन करना गलत नहीं कहा जा सकता. यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार को यह अधिकार है. कोर्ट ने यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया है.
आदिवासी धर्म परिवर्तित कर ईसाई हो जाते हैं उन्हें आरक्षण या अन्य सुविधा का लाभ नहीं मिलना चाहिए
अब जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला झारखंड से भी प्रमुख रूप से जुड़ा हुआ है. यह भी यह आरोप लगते रहे हैं कि भोले-भाले आदिवासियों को कथित रूप से प्रलोभन देकर धर्मांतरित किया जा रहा है. इसे लेकर कई बार आवाज भी उठी है. कई संगठनों ने यह भी कहा है कि जो आदिवासी धर्म परिवर्तित कर ईसाई हो जाते हैं उन्हें आरक्षण या अन्य सुविधा का लाभ नहीं मिलना चाहिए. आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में बड़े पैमाने पर कथित रूप से धर्मांतरण हुए हैं.सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इस राज्य के लिए भी बड़ा महत्वपूर्ण हो जाता है.राज्य सरकार को इस महत्वपूर्ण विषय पर आवश्यक कदम उठाने होंगे. हां, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि गंभीर विषय को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए.
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