रांची(RANCHI): झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें फिलहाल बढ़ी हुए हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर ये मुश्किल हेमंत सोरेन तक कैसे आई. हम आपको इस स्टोरी में बतायेंगे कि ईडी हेमंत सोरेन तक कैसे पहुंची. लेकिन इससे पहले आपको तीन नाम जानना काफी जरूरी है. इन तीन नामों से ही सीएम हेमंत की कड़ी जुड़ती गई और धीरे-धीरे आज उनकी सदस्यता तक पर बात आ गई है. ये तीन नाम है पूजा सिंघल, पंकज मिश्रा और प्रेम प्रकाश. दरअसल, अगर आप इन तीनों को समझ जायेंगे तो हेमंत सोरेन कैसे ईडी तक पहुंचे और उन पर आरोप कैसे लगा सब समझ जायेंगे. चलिए एक-एक कर तीनों के बारे में जानते हैं.
पूजा सिंघल सबसे पहले हुई गिरफ्तार
पूजा सिंघल पर ईडी ने मनरेगा घोटाले मामले में दबिश बनाया था. इस दौरान टीम ने पूजा सिंघल के कई ठिकानों पर छापेमारी कर अहम दस्तावेज जब्त किए थे. जब्त दस्तावेज में ED को अवैध खनन की जानकारी मिली. झारखंड में 12 मई को आईएएस पूजा सिंघल को ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. इसमें कई DTO और DMO से पूछताछ हुई. इसमें सबसे ज्यादा चर्चा साहेबगंज जिला के DMO की रही यह DMO दो बार समन भेजने के बाद ईडी दफ्तर पहुंचे थे.
ऐसे पता चला ईडी को पंकज मिश्रा के बारे में
DMO से लंबी पूछताछ में ED को जानकारी मिली की साहेबगंज में बड़े पैमाने पर अवैध खनन चल रहा है. इसकी जांच के लिए ED की टीम कई दिनों तक साहेबगंज जिले में जाकर जायजा लिया था. इस दौरान कई अवैध पत्थर लदे वाहन को भी जब्त किया गया था. वाहन जब्त करने के बाद वाहन मालिक का पता ED ने लगाया तब जानकारी मिली कि दाहू यादव और बच्चु यादव तक ED पहुंची. ईडी को जानकारी मिली की पंकज मिश्रा के दोनों सहयोगी है.
अब हुई पंकज मिश्रा की एंट्री
दाहू यादव और बच्चु यादव के बाद ईडी पंकज मिश्रा तक पहुंची. इसके बाद तीनों के कई ठिकानों पर छापेमारी हुई. छापेमारी में कई दस्तावेज मिले. जिसके आधार पर अवैध खनन के बड़े सरगना का भंडाफोड़ हुआ. इस दौरान गंगा नदी के जरिए बांग्लादेश भेजे जाने वाले जहाज को जब्त किया गया. जिसकी कीमत लगभग 45 करोड़ बताई गई. इतना ही नहीं पंकज मिश्रा के पत्थर को भी जब्त किया गया, जिसकी कीमत 55 से 60 करोड़ बताई गई थी.
ईडी को सीएम तक पहुंचने का मिला रास्ता
दरअसल, CM तक पहुंचने का रास्ता भी ED को पंकज मिश्रा के पास से ही मिला. जब पंकज मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी हो रही थी तब उसके पास से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दस चेक और पासबुक मिले थे. इसमें तीन चेक पर मुख्यमंत्री का हस्ताक्षर भी किए हुए थे.
प्रेम के यहां से मिले थे दो AK-47
दरअसल, ब्यूरोक्रेट्स में पैठ रखने वाला प्रेम प्रकाश के ठिकानों पर छापेमारी में ED को दो AK-47 मिले थे. इसके बाद ED ने रांची पुलिस से हथियार की जानकारी ली थी. रांची पुलिस ने ED को बताया था कि ये दोनों जवानों का बंदूक है. ये जवान CM आवास के सुरक्षा में लगे हुए थे.
ईडी ने सीएम को किया समन जारी
AK-47 मिलने के बाद से ही मुख्यमंत्री से पूछताछ होने के कयास लगाए जा रहे थे. आखिर ED ने CM को 30 अक्टूबर को समन जारी कर दिया और 3 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया. लेकिन मुख्यमंत्री उस दिन ED दफ्तर नहीं गए. फिर ED ने दोबारा समन जारी कर 17 को पूछताछ के लिए बुलाया और करीब दस घंटे तक सीएम हेमंत से पूछताछ चली. खैर, ईडी को इस पूछताछ से क्या अहम जानकारियां हाथ लगी है, इसका खुलासा फिलहाल नहीं हो सका है, लेकिन हो सकता है कि ईडी सीएम को दोबारा पूछताछ के लिए बुला सकती है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची
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