टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : नए साल की शुरुआत हो गई है. इसी के साथ अब राज्य सरकार वित्तीय वर्ष (वर्ष 2025-26) के अनुपूरक बजट की तैयारी में जुट गई है. सभी विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं. हालांकि आगामी बजट को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. देखा जाए तो चुनाव के पहले जनता से किए वादे को पूरा करने के लिए सरकार ने रेवड़ी वाले योजना शुरू कर दी है, जिससे राज्य सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ता दिख रहा है. मंईया योजना, बिजली बिल माफी योजना, कृषि ऋण माफी योजना इत्यादी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को राजस्व का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा. ऐसे में जनता को भी परेशानी उठानी पड़ सकती है. यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि मध्यमवर्ग से टैक्स वसूल कर सरकार चुनावी वादों को पूरा करने के लिए उन पैसों का इस्तेमाल मुफ्त की रेवड़ी के रूप में बांटने का काम कर रही है.
रेवड़ी योजना से विकास का काम होता है बाधित
इस तरह से देखें तो मुफ्त में रेवड़ी बांटने से विकास कार्य बाधित होता है. सरकार बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास के लिए निर्धारित धन को मुफ्त में सामान देने में खर्च कर देती है. दूसरी ओर, मध्यम वर्ग, खासकर वेतनभोगी वर्ग को यह लग रहा है कि सरकार उनसे सिर्फ टैक्स वसूलती है.
राजस्व संग्रहण बढ़ाने के लिए सरकार करेगी नई योजनाओं पर विचार
इधर आगामी बजट प्रस्ताव तैयार करने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी विभागों को राजस्व संग्रह बढ़ाने और नए स्रोत ढूंढने का निर्देश भी दिया है. उन्होंने अधिकारियों से राजस्व संग्रह पर सूक्ष्म स्तर पर निगरानी रखने को भी कहा. सीएम सोरेन ने सीएसआर गतिविधियों की निगरानी और विभागीय समन्वय के लिए एक प्रणाली बनाने पर जोर दिया. साथ ही कई विभागों को बिजनेस मॉडल स्थापित करने का भी निर्देश दिया है.
एक नजर पिछले साल के बजट पर
बात की जाए वित्तीय वर्ष (2024-25) की बजट की तो 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया. पिछले बजट में किसानों के हितों का ख्याल रखा गया था. वित्तीय वर्ष 2024-25 में कर्ज माफी की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई. पिछले साल के बजट में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास पर विशेष जोर दिया गया. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ नहीं ले पाने वाले गरीब परिवारों को पक्का मकान बनाने के लिए राज्य सरकार पांच किस्तों में 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया. वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 लाख 50 हजार और 2025-26 में 2 लाख 50 हजार यानी कुल 8 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य था, लेकिन आवेदनों की संख्या को देखते हुए सरकार अब 2024-25 से 2027-28 तक हर साल 4 लाख 50 हजार यानी 20 लाख परिवारों को इसका लाभ देने की तैयारी कर रही है. आवेदनों को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4,831.83 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया.
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