धनबाद(DHANBAD): अगर आपातकाल में आपको रुपए की जरूरत पड़ गई, तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन(EPFO) इसमें आपका सहायक बन सकता है. 2025 में कई नियमों को सरल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जनवरी के अंत तक कई सरलीकरण नियम लागू हो जाएंगे और कुछ मई - जून तक कर्मचारी हित में काम करने लगेंगे. सिस्टम की जटिलता से लोगों को राहत मिल जाएगी. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अपने सदस्यों के लिए 2025 में खुशखबरी लेकर आ रहा है. ईपीएफओ से जुड़े सदस्यों को राहत भरी खबर भी है. नए साल में उन्हें फंड निकासी से लेकर खाते से जुड़ी अन्य परेशानियां से राहत की उम्मीद है.
सिस्टम को केंद्रीयकृत करने का काम इस महीने हो जाएगा पूरा
जानकारी के अनुसार रोजगार मंत्रालय के आदेश पर ईपीएफओ अपने सिस्टम को केंद्रीयकृत करने का काम इस महीने के अंत तक पूरा कर लेगा. इसके बाद फरवरी से नाम में गलती या अन्य किसी वजह से पीएफ खाते से धनराशि निकालने में परेशानी नहीं होगी. यह भी जानकारी है कि मई - जून तक ईपीएफओ का सारा सिस्टम बैंकिंग की तरह काम करना शुरू कर देगा. गुरुवार को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि मौजूदा समय में ईपीएफ खाते से फंड निकासी में कई परेशानी आती है. नाम में गलती, आधार और बैंक खाते का नंबर अपडेट नहीं होने, नौकरी छोड़ने पर पुरानी कंपनी की जमा राशि नए पीएफ खाते में ट्रांसफर ना होने और एक व्यक्ति के नाम पर दो या उसे अधिक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर जैसी कई त्रुटियां की स्थिति में निकासी में दिक्कतें होती है.
ईपीएफओ अपने आईटी सिस्टम 3-0 पर भी काम कर रहा है
ईपीएफओ अपने आईटी सिस्टम 3-0 पर भी काम कर रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य खाता धारकों की फंड तक पहुंच आसान बनाना और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना है. इसके पूरा होने के बाद ईपीएफओ बैंकिंग सिस्टम की तर्ज पर काम करने लगेगा. आपातस्थिति में आवश्यकता होने पर सदस्य एक निश्चित धनराशि की निकासी कर सकते है. एक आकड़े के अनुसार नवंबर 2024 में, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों की संख्या 7.37 करोड़ थी. वित्तीय वर्ष 2023-24 में, ईपीएफ़ओ के सदस्यों की संख्या में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ईपीएफ़ओ, भारत सरकार के श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
4+