रांची(RANCHI)-अलग झारखंड राज्य के जनक और आदिवासी मूलवासी समाज में दिशम गुरु के रुप में सम्मानित सीएम हेमंत के पिता शिबू सोरेने की तबीयत में सुधार है, फिलहाल चिकित्सकों ने उन्हे एक दो दिन और अपनी निगरानी में रखने का फैसला किया है, जिसके बाद उन्हे अस्पताल से छुट्टी दे दी जायेगी.
यहां बता दें कि जी-20 की रात्रि भोज में शामिल होते वक्त सीएम हेमंत उन्हे अपने साथ लेकर गये थें, लेकिन दिल्ली से लौटते वक्त अचानक से उनकी तबीयत खराब होने लगी, जिसके बाद आनन फानन में उन्हे सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती करवाया गया. दूसरे दिन जब उनकी तबीयत में थोड़ा सुधार आया और चिकित्सकों ने सीएम हेमंत को इस बात की जानकारी दी कि अब वे खतरे से बाहर हैं, जिसके बाद वह झारखंड लौट आये, हालांकि इस देरी के कारण सीएम हेमंत हजारीबाग में आयोजित रोजगार मेला में हिस्सा नहीं ले सकें.
80 वर्षीय गुरु जी आज भी आदिवासी मूलवासियों की पहली पंसद हैं
ध्यान रहे कि 80 वर्षीय शिबू सोरेन आज भी राजनीति में सक्रिय है, और बड़े-बड़े आयोजनों में शामिल होते रहते हैं, आदिवासी-मूलवासी समूहों के बीच उनकी लोकप्रियता का यह पैमाना है कि चुनावी रैलियों में उनकी उपस्थिति को आज भी जीत की गारंटी माना जाता है, जहां भी झामुमो को अपनी जीत पर संशय की स्थिति नजर आती है, गुरुजी को मोर्चे पर लगा दिया जाता है, चुनावी अखाड़े में उनका पदार्पण होते ही हवा बदलने लगती है, लोग उस दौर को याद करने लगते हैं, जब अलग झारखंड राज्य का अलख जगाये शिबू सोरेन जंगलों की खाक छाना करते थें, पहाड़ उनका शयनगार होता था, धूप वर्षा और व्रजपात की चिंता किये बगैर युवा शिबू अलग झारखंड की लड़ाई का सिंहनाद किया करता था, उसकी एक बोली पर लाखों की भीड़ जुटती थी, आदिवासी या मूलवासी शिबू के चाहने वाले हर सामाजिक जमात में हैं.
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