टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना घोटाले के मामले में झारखंड, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में 21 स्थानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई, जिसका उद्देश्य झारखंड में इस योजना से जुड़े कथित घोटाले की जांच करना है.
कैसे हुआ घोटाला?
ईडी की जांच से पता चला है कि इस घोटाले में आयुष्मान भारत योजना के तहत व्यवस्थित धोखाधड़ी के जरिए अवैध रूप से अपराध से अर्जित धन को सफेद किया गया. इसमें अस्पतालों के पैनल में हेरफेर, फर्जी दावों का प्रोसेसिंग, और कमीशन व रिश्वत का संगठित नेटवर्क शामिल था.
गंभीर अनियमितताओं में शामिल हैं:
फर्जी मरीजों के नाम पर दावे पेश करना
मरीजों को भर्ती किए बिना फर्जी भुगतान लेना
अस्पतालों और बीमा कंपनियों की मिलीभगत
मृत व्यक्तियों को भी इलाज के लिए सूचीबद्ध करना
किन जगहों पर छापेमारी?
ईडी के अनुसार, छापेमारी उन लोगों और संगठनों पर की जा रही है जो इस कथित धोखाधड़ी नेटवर्क का हिस्सा थे. सलाहकार और संबंधित कंपनियों के पूर्व अधिकारी इसमें शामिल हैं .
झारखंड राज्य आरोग्य सोसाइटी (JSAS) से जुड़े अधिकारी और सलाहकार
थर्ड-पार्टी प्रशासकों (TPA) जैसे MD इंडिया, सेफवे, मेडी असिस्ट के कर्मचारी और कार्यालय
झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के निजी सचिव ओम प्रकाश सिंह से जुड़े परिसर
इन स्थानों पर हो रही छापेमारी:
रांची
अशोक नगर
पीपी कंपाउंड
एदलहातु
बरियातु
लालपुर
चिरौंदी
दिल्ली
उत्तर प्रदेश
पश्चिम बंगाल
कैसे सामने आया घोटाला?
इस मामले की शुरुआत नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट से हुई. इस रिपोर्ट में झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ था. CAG की रिपोर्ट में बताया गया था कि कुछ मृत मरीजों को भी योजना के तहत इलाज के लिए सूचीबद्ध किया गया था.
इसके बाद ईडी ने मामले की वित्तीय जांच शुरू की और झारखंड स्वास्थ्य विभाग तथा राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी से इस मामले में शामिल अस्पतालों के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी.
212 से अधिक अस्पतालों, बीमा और दवा कंपनियों की जांच की जा रही है
रिपोर्ट के अनुसार, ईडी 212 से अधिक अस्पतालों, बीमा कंपनियों और दवा कंपनियों की भूमिका की जांच कर रही है.
घोटाले की रकम कितनी बड़ी?
अब तक की जांच में करीब 40 करोड़ रुपये के लंबित भुगतान का मामला सामने आया है. इस घोटाले की विस्तृत जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं.
सरकार और ईडी का क्या कहना है?
ईडी का कहना है कि यह कार्रवाई केंद्र सरकार की इस प्रमुख स्वास्थ्य योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
स्वास्थ्य योजनाओं में भ्रष्टाचार रोकने और मरीजों के अधिकारों की रक्षा के लिए भविष्य में भी ऐसी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.
4+