टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-लगातार दूसरे साल मॉनसून की आंख मिचौली ने झारखंड में सूखाड़ के हालात पैदा कर दिए हैं. खेतों में धान तो लग गए हैं, लेकिन फसल होगी या नहीं ये संशय बरकरार है. किसानों के चेहरे से मुस्कान गायब है. अन्नदाताओं की निगाहे आसमान और सरकार पर टिकी हुई है. उम्मीद से कम बारिश होनों के चलते राज्य में सूखे के हालात पैदा हो गये हैं, खेतों में दरारे उसकी तस्कीद कर रही है. हालांकि, इस आफत से पहले केन्द्र सरकार ने मुश्किल हल करने की पहल की है. केन्द्र सरकार जल्द ही झारखंड के सुखाड़ प्रभावित नौ जिलों में राहत योजना चलाने के लिए 100 करोड़ रुपये मुहैय्या करायेगी. इसे लेकर कृषि विभाग की ओर से सभी जिलों के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक छह उपायुक्तों ने जिले की स्थिति से विभाग को अवगत करा दिया है. बाकी तीन जिलों से रिपोर्ट मिलना बाकी है. इसे लेकर कृषि विभाग की ओर से दोबारा पत्र लिखा गया है.
झारखंड के 9 जिले चयनित
केन्द्र सरकार लगातार सुखाड़ की चपेट में आने वाले झारखंड के नौ जिलों को राहत योजना के लिए चयनित किया है. यह 15वें वित्त योजना के तहत उक्त राशि दी जाएगी. केन्द्र सरकार ने इसके लिए एक निर्धारित फार्मेट विभाग को भेजा है. जिसमे इन जिलों से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध है. दअरसल, केन्द्र सरकार ने इसके लिए 15 अगस्त की तारीख निर्धारित की थी. लेकिन, विभाग को सभी जिलों से रिपोर्ट नहीं मिलने की वजह से इसे केन्द्र को नहीं भेजा जा सका. इधर कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों से रिपोर्ट आने के बाद राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को भेजा जाएगा. वहां से उक्त रिपोर्ट केन्द्र सरकार के आपदा प्रबंधन प्राधिकार को भेजा जाएगा. रिपोर्ट मिलने के बाद उक्त राशि सरकार को भेज जी जाएगी.
12 राज्यों का चयन
केन्द्र की आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने पूरे देश के 12 राज्यों का चयन किया . इन राज्यों में उन जिलों को इसमें शामिल किया गया जहां बारिश नहीं होने के चलते सूखे की स्थिति उत्पन्न हुई है .केन्द्र की आपदा प्राधिकार ने राज्य के धनबाद, रामगढ़,पलामू,गढ़वा,लातेहार, दुमका, बोकारो, पश्चिम सिंहभूम जिले को सेलेक्ट किया है. जिलों को मिलने वाली 100 करोड़ की राशि उपायुक्त की अध्यक्षता में बनी जिला आपदा प्रबंधन समिति को समान रुप से आवंटित की जाएगी. उक्त समिति जिलों में किसानों के उत्थान के लिए चलाए जानी वाली योजना बनायेगी और राशि उन योजनाओं में खर्च करेगी.
केन्द्र को भेजी जा रही रिपोर्ट
खरीद फसल की अच्छादन और वर्षा के प्रतिदिन की रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजी जा रही है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी स्वीकार किया है कि राज्य में लगातार दूसरे साल सूखे के हालात पैदा हो गये हैं. किसानों की मूल फसल धान है. लेकिन, पानी सही से नहीं बरसने के चलते धान की 47 प्रतिशत बुआई नहीं हो पायी है. पिछले साल 236 ब्लॉक सुखाड़ घोषित किए गये थे. लिहाजा, इस बार भी विभाग की ओर से एक्शन प्लान बनाना शुरु कर दिया गया है.
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