आयुष्मान ED छापेमारी अपडेट: जांच के दायरे में ये बड़े चेहरे, जानिए किन पर क्या लगे हैं आरोप

टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : शुक्रवार की सुबह ईडी ने झारखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में आयुष्मान घोटाले से जुड़े लोगों के कुल 21 ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी के जांच के दायरे में झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के पीए ओम प्रकाश समेत कई बड़े चेहरे जांच के दायरे में हैं. अन्य लोगों में झारखंड राज्य आरोग्य सोसाइटी (झासास) के पूर्व अपर कार्यकारी निदेशक अभिषेक श्रीवास्तव और सीनियर कंसल्टेंट वैभव राय शामिल हैं. इसके अलावा बीमा कंपनी के अधिकारियों के साथ ही फर्जी दावों के भुगतान में थर्ड पार्टी असेसमेंट (टीपीए) का काम करने वाली कंपनी सेफवे टीपीए के कर्मचारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है.
जानिए किन पर क्या लगे हैं आरोप
ओम प्रकाश : पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निजी सचिव थे. उन पर फर्जी भुगतान में शामिल लोगों से करीबी संबंध रखने का आरोप है.
वैभव राय: झारखंड राज्य आरोग्य सोसाइटी के वरिष्ठ सलाहकार थे. उन पर फर्जी दावे करने और अस्पतालों के पैनल को प्रभावित करने का आरोप है.
अभिषेक श्रीवास्तव: पूर्व अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक. उन पर नियुक्तियों में मदद करने और अवैध लेनदेन को बढ़ावा देने का आरोप है.
सेफवे टीपीए के कर्मचारी: साजिश रचकर फर्जी दावे स्वीकार करने का आरोप है.
CAG की रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा का हुआ खुलासा
अगस्त 2023 में लोकसभा में पेश कैग की रिपोर्ट में आयुष्मान में भारी फर्जीवाड़ा का मामला उजागर हुआ था. आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद ईडी ने अगस्त 2023 में स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर इससे संबंधित ब्योरा मांगा था. ईडी ने जानना चाहा था कि आयुष्मान भारत योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा किए गए कितने फर्जी दावों को झारखंड सरकार ने पकड़ा है. इसके अलावा फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों के खिलाफ दर्ज एफआईआर समेत अन्य कार्रवाई की जानकारी मांगी गई थी. मांगी गई जानकारी के आलोक में अनियमितताओं के संबंध में दर्ज एफआईआर की जानकारी दी गई थी.
ईडी ने दर्ज की ईसीआईआर
ईडी ने इन एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर दर्ज की थी. मामले की शुरुआती जांच में ईडी ने पाया कि एक सुनियोजित साजिश के तहत आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी दावों के आधार पर अस्पतालों को भुगतान किया गया. भुगतान करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया. फर्जी दावों का भुगतान करने के लिए सरकारी अधिकारियों, थर्ड पार्टी असेसमेंट कंपनी, बीमा कंपनी और अन्य के बीच साजिश रची गई है.
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