टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- झारखंड के वजूद में आए 25 साल होने में कुछ साल का ही वक्त बचा हुआ है.15 नवंबर 2000 में बनें इस राज्य की मांग आजादी के बाद से ही काफी जोड़ पकड़ी थी. इसे हासिल करने के लिए आंदोलनकारियों ने अपना खून बहाया औऱ काफी कुर्बानियां भी दी, तब जाकर जल, जंगल औऱ जमीन का या प्रदेश बना. आदिवासी बहुल इस प्रदेश में कुदरत की भरपूर नैमत मिली है. यहां की मिट्टी में कीमती खनिजों की बहुतायात मात्रा दफन है. कोयल, दामदोर, खड़कई, स्वर्णरेखा और ब्राह्मणी नदियों का उदगम स्थल भी यहीं है. प्राकृति ने बेतहाशा खूबसूरती इस प्रदेश को बख्शी है. जहां संभावनाएं कमी नहीं, बल्कि आपार है.
अभी मौजूदा वक्त में सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार का राज चल रहा है. तीन करोड़ से ज्यादा की आबादी इस प्रदेश में रहकर जिंदगी बसर कर रही है. क्या आपको मालूम है कि आखिर झारखंड सरकार की आय यानि इनकम का स्रोत क्या है. और ये खर्च कहां-कहां किया जाता है. आईए इसका लेखा-जोखा जानते हैं.
सरकार की कमाई के छह स्रोत
झारखंड सरकार की कमाई के छह मुख्य स्रोत है. सबसे अधिक पैसा राज्य को केन्द्रीय टैक्स में राज्य की हिस्सेदारी से आता है. यहां इसकी कुल इनकम का लगभग 27 फीसदी आता है. राज्य सरकार का दूसरा सबसे बड़ा इनकम का जरिए टैक्स से मिली आय है. जो 24.58 फीसदी है. वही गैर टैक्स मदो से राज्य को आय 13.61 औऱ सहायता अनुदान से 17.22 प्रतिशत आता है. कर्ज से 17.80 फीसदी और लोन रिकवरी और एडवांस से सरकार को 0.08 प्रतिशत है.
सरकार का खर्च होता है पैसा
सरकार के आय़ के तो छह स्रोत है. लेकिन, खर्च 14 जगहों पर होता है. सबसे अधिक पैसा खर्च राज्य सरकार शिक्षा में करती है. जहां 13.54 फीसदी खर्च हो जाती है, दूसरे नंबर पर ग्रामीण और पंचायती राज है. जहां सरकार का 12.59 फीसदी पैसा खर्च होता है. स्वास्थ्य और पेयजल में 9.57 और पुलिस आपदा प्रबंधन में 8.36 फीसदी व्यय होता है. राज्य सरकार पेंशन में 7.96 प्रतिशत खर्च करती है. समाज कल्याण में 7.87, भू राजस्व, श्रम,पर्यटन,सूचना प्राधोगिकी में 7.45 फीसदी और कर्ज के भुगतान में 7.18 फीसदी पैसा खर्च करती है. ब्याज के भुगतान में 6.59, कृषि जल संसाधान में 5.92 और ऊर्जा में 4.80 व्यय होता है.
झारखंड सरकार का राजस्व
पिछले दो साल में झारखंड सरकार के राजस्व की बात करे तो 80 हजार करोड़ रुपए से ऊपर आया. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 80853.46 करोड़ रुपए आए. जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 88120.85 करोड़ आया. इससे पहले 70 हजार करोड़ के पार राजस्व आया था. 2020-21 में 73853.46 करोड़ और 2019-20 में 70731.69 करोड़ आया था. राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट का लगभग 88 प्रतिशत खर्च करने में सफलता पाई.
4+