टीएनपी डेस्क(TNP DESK): भारत में चीतों की आबादी को बहाल करने की प्राथमिकता लगातार जारी है. इसी कड़ी में चीतों का एक और जत्था भारत लाया जा रहा है. 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 12 चीतों को भारत लाया जाएगा. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसकी पुष्टि की है.
चीतों की आबादी को देश में बहाल करने का उद्देश्य कई पारिस्थितिक उद्देश्यों को प्राप्त करना होगा, जिसके महत्वपूर्ण और दूरगामी परिणाम होंगे.
दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच साइन हुआ एमओयू
दक्षिण अफ्रीका ने भारत में एक व्यवहार्य चीता आबादी स्थापित करने के लिए भारत में चीता के पुन: परिचय में सहयोग पर पिछले महीने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है.
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि "दक्षिण अफ्रीका और भारत ने भारत में चीतों को फिर से लाने में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. समझौता के तहत 12 चीतों के प्रारंभिक बैच को फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जाना है. समझौता ज्ञापन की शर्तों की हर 5 साल में समीक्षा की जाएगी.
17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए थे 8 चीते
पिछले साल 17 सितंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 72वें जन्मदिन पर नामीबिया से आठ (पांच मादा और तीन नर) चीतों के पहले बैच को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में एक संगरोध बाड़े में छोड़ा था.
दुनिया के अधिकांश लगभग 7,000 चीते, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में रहते हैं. नामीबिया में चीतों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है. चीता एकमात्र बड़ा मांसाहारी है जो मुख्य रूप से अत्यधिक शिकार और निवास स्थान के नुकसान के कारण भारत से पूरी तरह से समाप्त हो गया है.
पर्यावरण मंत्रालय ने कहा, "फरवरी में 12 चीतों के आयात के बाद, अगले आठ से 10 वर्षों के लिए सालाना 12 चीतों को स्थानांतरित करने की योजना है. एमओयू की शर्तों की हर पांच साल में समीक्षा की जाएगी ताकि यह प्रासंगिक बना रहे." वर्तमान में कुनो नेशनल पार्क में आठ चीते हैं.
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