Ranchi-जैक नियमावली 2021/22 के तहत उर्दू शिक्षकों की बहाली पर रोक को अल्पसंख्यक समाज के हितों पर प्रहार बताते हुए जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने सरकार से जल्द से जल्द से इस नियमावली को निरस्त किये जाने की मांग की है. इरफान ने कहा है कि झारखंड कोई भाजपा शासित राज्य नहीं है. जहां इस तरह के फैसले की अनुमति होगी. आदिवासी समाज के बाद अल्पसंख्यक झारखंड की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है. और इस सरकार के रहते किसी को भी अल्पसंख्यक समाज के हितों की हकमारी की इजाजत नहीं दी जा सकती. विधायक इरफान ने सरकार से वक्फ बोर्ड, उर्दू अकादमी, और हज कमेटी पर भी जल्द फैसला लेने की मांग की, ताकि अल्पसंख्यक समाज को भी सम्मान और सामाजिक हिस्सेदारी प्राप्त हो सके.
संयुक्त बिहार में अस्तित्व में थी ये सारी संस्थाएँ
इरफान ने दावा किया कि ये सारी संस्थायें संयुक्त बिहार में काम कर रही थी, लेकिन झारखंड गठन के बाद इन संस्थाओं को भूला दिया गया. आज ये सारी संस्थायें मृत प्राय हैं. जिसके कारण अल्पसंख्यक समाज के बीच एक प्रकार का नाराजगी और असंतोष मौजूद है. उनके बीच एक कसक है, उर्दू शिक्षक की बहाली पर रोक से अल्पसंख्यक समाज के युवाओं की जिंदगी दांव पर लगी हुई है. आखिर अल्पसंख्यक समाज के ये युवा रोजगार की खोज में कहां जायेंगे. इरफान ने यह दावा भी किया कि सरकार ने अल्पसंख्यक समाज के इन मुद्दों को गंभीरता से लिया है, और इस बात का आश्वासन भी मिला है कि चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी होने के पहले ही सारी शिकायतों को दूर कर दिया जायेगा.
मृतकों की लाश पर सियासत बंद करने की नसीहत
इसके साथ ही कांग्रेस विधायक इरफान ने भाजपा सांसद निशिकांत से जामताड़ा रेल दुर्घटना में मृतकों की लाश पर सियासत बंद करने की चेतावनी देते हुए तंज भरे लहजे में कहा है कि वह झारखंड ही नहीं पूरे देश के सबसे लोकप्रिय नेता है, लेकिन उन्हे जामताड़ा ट्रेन दुर्घटना के मृतकों की लाश पर अपनी सियासत बंद करनी चाहिए, यह वक्त लाशों पर खेल कर सरकारों को बचाने की का नहीं है. बल्कि उस लापरवाही को सामने लाने की है, जिसके कारण कई जिंदगियां समाप्त हो गयी. यदि निशिकांत इसी रास्ते चलते रहे तो गोड्डा की दुकान बंद होने वाली है, उन्हे अपना बोरिया बिस्तर लेकर भागलपुर की ओर कूच करना होगा, और इरफान का वादा है कि इस बार उन्हे हम भागलपुर भेज कर रहेंगे. इसके साथ ही इरफान ने केन्द्र् सरकार से मृतकों के परिजनों को 50 लाख की क्षतिपूर्ति करने की भी मांग की, साथ ही राज्य सरकार से भी अपने स्तर से मदद करने की गुहार लगायी.
झाझा आसनसोल ट्रेन की चपेट में आने से दो लोगों हुई थी मौत
यहां ध्यान रहे कि कल रात में जामताड़ा में झाझा आसनसोल ट्रेन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत और जबकि करीबन एक दर्जन लोग घायल हो गयें. बताया जाता है कि भागलपुर-यशवंतपुर ट्रेन में आग लगने की अफवाह पर किसी यात्री ने जंजीर खींच दी और यात्रियों में ट्रेन से कूदने की होड़ मच गयी. इसी बीच आसनसोल से जसीडीह की ओर जा रही ईएमयू पैंसेजर ट्रेन आ गयी, और कई यात्री इसकी चपेट में आ गयें. लेकिन गोड़्डा सांसद निशिकांत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में यह दावा किया कि “आज शाम जामताडा में दुर्घटनाग्रस्त दो लोग पटरी अंधेरे में पार कर रहे थे, अफ़वाह रेलवे को बदनाम करने की साज़िश है” उनका दावा है कि आग लगने की अफवाह जानबूझ कर फैलायी गयी थी, अब विधायक इरफान ने निशिकांत के उसी बयान पर पलटवार किया है और उन्हे लाश पर अपनी सियासत को बंद करने की सलाह दी है.
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