रांची(RANCHI): अगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपने अपने तरीके से संगठन को धार देने में लगी है.इस रेस में प्रदेश कांग्रेस भी विभिन्न कार्यक्रम कर जनता को अपनी ओर रिझाने में लगी है.जनता के बीच एक अच्छा संदेश जाए इसे लेकर केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सूबे के मंत्री जनता दरबार लगा कर लोगों की समस्या दूर करने बैठ रहे है. लेकिन देखा जा रहा है कि जनता दरबार में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता ही ज्यादा दिख रहे है. ऐसा लग रहा है कि आम लोगों ने इस से दूरी बना ली है. मालूम हो कि हर सोमवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाया जा रहा है. हर बार अलग अलग मंत्री लोगों की शिकायात सुनने को बैठते है.
इसी कड़ी में इस बार सोमवार की जगह मंगलवार को जनता दरबार लगाया गया. बड़े ही तरीके से मंत्री जी के सामने कुर्सी सजाई गई जिसपर लोग आकर बैठ सके. लेकिन वह कुर्सी पूरी तरह से खाली दिखी. ऐसा लग रहा है कि आम लोगों ने कांग्रेस के द्वारा लगाये जा रहे जनता दरबार से दूरी बना ली है.ऐसा लग रहा है कि उन्हे उम्मीद ही नहीं है कि उनकी समस्या को मंत्री हल भी करेंगे. मंगलवार को लगाए गए जनता दरबार में सूबे के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने दरबार में लोगों की समस्या सुनी.
लेकिन एक सवाल इस जनता दरबार पर खड़ा होने लगा है. आखिर जब सूबे के मंत्री समस्या सुन रहे है तो फिर लोग पहुँच क्यों नहीं रहे है.ऐसा ही हाल रहा तो कांग्रेस को चुनाव में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.क्योंकि जिस जनता के समस्या को लेकर वह बैठ रहे है वह किस वजह से जनता दरबार नहीं पहुँच रही है इसपर कांग्रेस को मंथन करने की जरूरत है.
अगर बात कांग्रेस की करें तो यह पहली बार जनता दरबार का कान्सेप्ट लेकर नहीं आई है. पिछले वर्ष भी प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के निर्देश पर कई महीनों तक जनता दरबार लगाया गया था उसके बाद उस आदेश को नजर अंदाज कर जनता दरबार जैसी बात सिर्फ कागजों में सीमित रह गई थी लेकिन फिर जब चुनाव नजदीक आने वाला है तो फिर प्रदेश प्रभारी जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया है.
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