रांची(RANCHI): झारखंड में सहायक अध्यापक लंबे समय से अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. कभी राजभवन तो कभी सत्ता धारी दल के पार्टी ऑफिस में पहुँच कर अपनी मांग रख रहे है. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को झामुमो के कैम्प कार्यालय में सैकड़ों की संख्या में सहायक अध्यापक पहुंचे. लेकिन इस बीच पार्टी कार्यालय में मौजूद कर्मचारी के साथ शिक्षकों की नोक झोंक हो गई. शिक्षकों का आरोप है कि कार्यालय में मौजूद कार्यकर्ता ने उनके साथ बदसलूकी करते हुए उन्हें दफ्तर से बाहर निकाल दिया.
सहायक अध्यापक ने कहा कि जब झामुमो सत्ता में नहीं थी तब बड़े बड़े वायदे किए गए थे. पिछली सरकार में भी हमलोगों ने अपनी मांग रखी थी. लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी मांग पर विचार नहीं किया तो हम पूरी ताकत के साथ उन्हे सत्ता के बाहर का रास्ता दिखा दिया.इस सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने भरोसा दिया था की उनकी सभी मांगों को पूरा किया जाएगा. लेकिन करीब चार साल गुजर गए हमारी मांग पर किसी तरह का विचार नहीं किया जा रहा है.शिक्षकों ने बताया कि अभी भी सरकार पर उम्मीद है,जिस तरह हम माटी से जुड़े हुए है वैसे ही सूबे के मुखिया भी झारखंडी बेटा है.सभी शिक्षकों को उम्मीद है की सरकार के बेचे हुए दिन में उनकी मांग पूरी कर दी जाएगी.
महिला सहायक अध्यापक ने कहा कि झामुमो दफ्तर से बाहर निकाले जाने से दुखी है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने ही झामुमो की सरकार को बनाया है. लेकिन जिस तरह का व्यवहार किया गया यह कही से भी सही नहीं है.उन्होंने कहा कि बारिश की वजह से सभी लोग झामुमो दफ्तर के अंदर गए थे. अब बाहर ही बैठ कर अपनी मांग मनवाने का काम करेंगे.उन्होंने कहा कि इस सरकार पर अभी भी उम्मीद है की हमारी मांग को पूरा करने का काम करेगी. उन्होंने बताया कि समान काम का समान वेतन के साथ समायोजन करने की गुहार सरकार से लगा रहे है.
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