टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : बेशकीमती खनिजों का भंडार कहा जाने वाला झारखंड इन दिनों चर्चा में है. पहले झारखंड की धरती में लोहा, कोयला के भंडार पाए गए थे. इसी बीच अब झारखंड के कुछ इलाकों में लिथियम के साथ कई दुर्लभ खनिजों के भंडार मिलने की संभावना जताई जा रही है. बता दें कि नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) ने भू-तात्विक सर्वेक्षण में पाया है कि कोडरमा और गिरिडीह में लिथियम के अलावा कई दुर्लभ खनिजों का बड़ा भंडार है.
कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर के बाद झारखंड में मिला लिथियम
बता दें कि हाल के दिनों में कर्नाटक में 16 हजार टन और जम्मू-कश्मीर के रिहायसी इलाकों में 59 लाख टन लिथियम का भंडार खोजा गया है. अब झारखंड के कोडरमा औऱ गिरिडीह में भी लिथियम मिलने की बात कही जा रही है. हालांकि झारखंड के इन जिलों में कितने मात्रा में लिथियम मिला है इसकी पूरी जानकारी अभी तक साझा नहीं की गई है. लेकिन इस बात से यह साफ है कि झारखंड में भी अगर लिथियम मिल रहा है तो भविष्य के लिए यह ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है.
लिथियम के उपयोग
लिथियम का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों और बेशकीमती उपकरणों को बनाने के लिए किया जाता है. लिथियम मेडिकल टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री, मोबाइल फोन, सौर पैनल, पवन टरबाइन और अन्य रिन्यूएबल टेक्नोलॉजी में किया जाता है. इस वक्त भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर ज्यादा ध्यान दे रही है. लेकिन भारत के पास लिथियम नहीं होने के कारण भारत को चीन से लिथियम का आयात करना पड़ता था. लेकिन अब भारत में लिथियम मिलने से ना सिर्फ इन शहरों का बल्कि भारत भी इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेगा.
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