पटना(PATNA)- किडनी ट्रांसप्लांटेशन के करीबन 9 महीने के बाद पटना लौट रहे राजद सुप्रीमो के स्वागत में ‘साहेब का स्वागत है’ से राजधानी पटना को पाट दिया गया है, हर चौक चौराहे पर यह पोस्टर चिपका दिख रहा है.
सिंगापुर में हुआ था ट्रांसप्लांटेशन
ध्यान रहे कि 5 दिसंबर को सिंगापुर में उनका किडनी ट्रांसप्लांटेशन हुआ था, उनकी बेटी रोहणी ने उन्हे अपनी किडनी डोनेट किया था, किडनी ट्रांसप्लांटेशन के बाद लालू यादव हिन्दूस्तान तो लौट आये, लेकिन उनका बसेरा दिल्ली में अपनी बेटी मीसा भारती के पास ही था. अब जब वह अपने को कुछ स्वस्थ्य महसूस करने लगे हैं, करीबन 9 महीने के बाद उनका पटना लौटना हो रहा है.
तेज हुई बिहार की राजनीतिक गतिविधियां
किडनी की बीमारी से जूझ रहे लालू यादव के पटना लौटने मात्र की खबर से ही बिहार की राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गयी है. माना जा रहा है कि अब लालू यादव पटना में बैठकर महागठबंधन की गांठ की मजबूती प्रदान करने की कोशिश करें, साथ ही साथ कई छोटे दलों को महागठबंधन का हिस्सा भी बनाया जा सकता है. पटन में लालू की मौजूदगी मात्र से महागठबंधन की ताकत मिलेगी. इसके साथ ही राजद और महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में राजनीतिक उर्जा का संचार होगा.
राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों की कॉर्डिनेशन कमेटी का हिस्सा होंगे लालू यादव
इस बीच खबर यह भी आ रही है कि जल्द ही देश स्तर पर विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनेगा, और इसकी एक कॉर्डिनेशन कमेटी बनेगी, जिसकी जिम्मेवारी नीतीश कुमार के कंधे पर होगी, लेकिन लालू यादव यहां भी अपना मार्गदर्शन देने के लिए कमिटी का हिस्सा होंगे.
तेजस्वी यादव को सीएम की कुर्सी सौंपे जाने की चर्चायें फिर से हुई तेज
इसके साथ ही इस बात की चर्चा चल पड़ी है कि अब जल्द ही तेजस्वी यादव को बिहार के सीएम की जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है, राजद कार्यकर्ताओं की इस इच्छा को पूरा करने का वक्त नजदीक आता दिख रहा है. बहुत संभव है कि यह काम भी लालू यादव की मौजूदगी में ही संपन्न कर दिया जाय. महागठबंधन को एकजूट बनाने के लिए लालू यादव के विशाल राजनीतिक अनुभवों का उपयोग किया जा सकता है.
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