रांची(RANCHI)- जैसे जैसे 2024 का महासमर नजदीक आता जा रहा है, ना सिर्फ ईडी-आईटी और सीबीआई की गतिविधियां तेज हो रही है, बल्कि इसके साथ ही राजनीतिक दलों की सक्रियता भी बढ़ती जा रही है. एक दूसरे मिलने-जुलने का सिलसिला तेज हो रहा है, कुशलक्षेम पूछने के बहाने विपक्षी गठबंधन की गांठ को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है.
इसी कुशलक्षेम पूछने के बहाने सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की है, हालांकि उनका दावा है कि यह बेहद गैरराजनीतिक मुलाकात थी, वह मात्र लालू यादव कुशलक्षेम जानने गये थें.
राजनीति के दो दिग्गज राजनेताओं की मुलाकात
लेकिन राजनीतिक के जानकार इस मुलाकात को महज कुशलक्षेम मुलाकात मानने से इंकार कर रहे हैं, उनका दावा है कि नीतीश तेजस्वी से मुलाकात के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव का लालू यादव से मुलाकात महज कुशलक्षेम मुलाकात नहीं है, यह राजनीति के दो दिग्गज राजनेताओं की मुलाकात है, जिनका अपना राजनीतिक जनाधार है, यह उन राजनेताओं की मुलाकात है, जिनकी राजनीतिक जमीन मोदी की आंधी में भी नहीं कबड़ी, जो आज भी अपनी राजनीतिक साख बचाये हुए हैं, जिनके बुते बिहार यूपी 120 संसदीय सीटों की किश्मत लिखी जानी है.
इन 120 सीटों से तय हो सकता है देश का अगला पीएम
जानकारों का मानना कि इन 120 सीटों का चुनाव परिणाम 2024 के लोकसभा में बड़ा महत्वपूर्ण होने वाला है, यदि यह जोड़ी सफल हो जाती है, तो निश्चित रुप से पीएम कौन होगा, हिन्दुस्तान की राजनीति में इसका फैसला एक बार फिर से लालू यादव के हाथों में होगा. ध्यान रहे कि इसके पहले ही लालू यादव कई सरकारों में किंग मेकर की भूमिका में रहे हैं. उनके द्वारा कई प्रधानमंत्रियों की किश्मत लिखी गयी है, लगता है इतिहास एक बार फिर से दुहराया जाने वाला है.
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