रांची (RANCHI) : साल 2024 की शुरूआत ने झारखंड की तपिश को बढ़ा दिया है. दरअसल साल के शुरूआत में गांडेय विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने अचानक इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही उनसे इस्तीफे को तुरंत विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा स्वीकृत भी करवा लिया गया. लेकिन इस इस्तीफे के बाद भाजपा इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की नई चाल बता रही है. साथ ही भाजपा द्वारा कई सवाल हेमंत सरकार से पूछे जा रहे है.
हेमंत ने क्यों छीना अल्पसंख्यक विधायक का सीट
भाजपा ने सरफराज अहमद की इस्तीफे को मुद्दा बनाया है. पार्टी के नेताओं का कहना है कि एक अल्पसंख्यक विधायक से ही सीट क्यों छिनी गई, इसका जवाब झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को देना चाहिए. यह बहुत चिंता की बात है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने कहा कि अल्पसंख्यकों के नाम पर यह सरकार ढोंग करती रही है. अल्पसंख्यकों से जुड़े कई बोर्ड, निगम को गठित नहीं किया गया. हाल ही में अल्पसंख्यक आयोग का गठन हुआ है. इससे समझा जा सकता है कि 4 साल के बाद हेमंत सरकार को यह लगा कि आयोग को गठित किया जाए.
अल्पसंख्यक विरोधी है हेमंत सरकार
भाजपा प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अनवर हयात ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एक वरिष्ठ विधायक सरफराज अहमद से इस्तीफा लेने का जवाब जनता मांग रही है. आखिर क्यों एक अल्पसंख्यक विधायक की ही कुर्बानी दिलाई गई. उन्होंने कहा कि यह सरकार अल्पसंख्यक विरोधी है.
अब उपचुनाव के लिए बेचैन है जेएमएम
यह साफ दिख रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा किस प्रकार से और किस मंसूबे से गांडेय की सीट को खाली करवाया. मुख्यमंत्री अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को इस सामान्य सीट से चुनाव लड़वाते. लेकिन मामला फंस गया है. इसलिए अब एक दबाव बनाया जा रहा है. चुनाव आयोग पर जल्द से जल्द इस खाली सीट पर उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू के लिए कहा जा रहा है. इसीलिए झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक डेलिगेशन शुक्रवार को रांची स्थित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पास गया था.
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