धनबाद(DHANBAD): दो या तीन रैयत किसी जमीन पर अपनी दावेदारी करते हैं तो बात समझ में आती है, लेकिन जब दो सरकारी विभाग भी एक ही जमीन पर दावेदारी करने लगे, तो इसे आप क्या कहेंगे. धनबाद के बेकार बांध तालाब को लेकर ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है. धनबाद नगर निगम भी इस पर अपना दावा कर रहा है तो धनबाद जिला परिषद कह रही है कि यह उसकी संपत्ति है. इसको लेकर निगम और जिला परिषद में ठन गई है, हालांकि यह विवाद आज का नहीं है, लेकिन फिर एक बार जिन्न बोतल से बाहर आया है. पिछले 5 सालों से विवाद चल रहा है. अभी हाल ही में जिला परिषद बोर्ड की बैठक में निर्णय हुआ कि बेकार बांध तालाब को कब्जे में लिया जाए, क्योंकि यह जिला परिषद की संपत्ति है. इधर, निगम का कहना है कि अब यह निगम की संपत्ति हो गई है. जिला परिषद बोर्ड की बैठक के बाद डीडीसी ने निगम को पत्र लिखा. इसमें बेकार बांध तालाब को जिला परिषद की बताई गई. इसके जवाब में नगर आयुक्त ने भी डीडीसी को जवाब भेज दिया है. नगर आयुक्त ने लिखा है कि डीसी द्वारा 30 अगस्त 17 को सचिव नगर विकास विभाग को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि बेकार बांध तालाब की जमीन केसर ए हिंद की है. यह राज्य सरकार के स्वामित्व में है. उसके बाद नगर विकास सचिव ने नगर निगम और जिला परिषद का पक्ष सुनने के बाद निर्देश दिया था कि शहर के तालाबों को स्थानीय नगर निकाय को हस्तांतरित करने का प्रावधान है. ऐसे में नगर निगम का दवा सही प्रतीत होता है.इसके बाद यह निगम को हस्तांतरित कर दी गई. अभीअभी हाल ही में बेकार बांध तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत निगम ने 14 करोड़ खर्च किए हैं. अभी निगम वहां एंट्री पास वसूल रहा है. अब देखना है कि दो सरकारी विभागों की लड़ाई में नतीजा क्या निकलता है.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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