रांची(RANCHI): झारखण्ड की राजनीती के लिए साल 2024 बवालों से भरा रहा. हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी से लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी सक्रीय दिखी. जब 31 जनवरी 2024 को देर शाम हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी हुई. इसके बाद राजनीती में नया मोड़ आया. गिरफ़्तारी के बाद जब पांच फरवरी को ईडी की कस्टडी में विधानसभा पहुंचे तो हेमंत का अलग रूप देखने को मिला. सदन में जब हेमंत ने बोलना शुरू किया तो विपक्ष में सन्नाटा पसरा दिखा. इसके साथ ही 2024 का एक ऐतिहासिक सम्बोधन हेमंत सोरेन का बन गया.
हेमंत ने जब बोलना शुरू किया तो राजभवन से लेकर केंद्र सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसी पर तीखा प्रहार किया. हेमंत सोरेन ने कहा था कि एक षड्यंत्र के तहत जेल भेज दिया गया. पहली बार ऐसा हुआ कि किसी मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी राजभवन से हुई हो. वह दिन दूर नहीं है जब विधानसभा, लोकसभा और राजयसभा से गिरफ़्तारी शुरू हो जाएगी. इस गिरफ़्तारी की पटकथा लम्बे समय से लिखी जा रही थी. षड्यंत्र की खिचड़ी लम्बे समय से पक रही थी.
आखिर में 8. 25 एकड़ जमीन के कब्जे में करने का आरोप लगा दिया. जिस जमीन के कब्जे में उनकी गिरफ़्तारी हुई है. अगर है हिम्मत तो कागज पटक कर दिखा दे राजनीति के साथ झारखण्ड से सन्यास ले लेंगे. एक आदिवासी मुख्यमंत्री को निगलने की कोशिश की गई है. लेकिन याद रहे आदिवासी में हड्डी ज्यादा है निगलने की कोशिश कर रहे है तो गले में अटक गए तो अतड़ी फांड कर बहार निकलेंगे.
आदिवासी से ही भाजपा नफरत करती है. नहीं देखना चाहती है कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री बन गया. अगर पांच सितारा होटल में रुकते है तो दिक्क्त, BMW में घूमते है तो दिक्कत,अच्छे कपड़े पहन लेते है तो दिक्कत. ये लोग सोचते है कि आदिवासी जंगल में रहने वाले है. जंगल से बहार आ गये और हमारे बराबर में बैठ जायेंगे तो इनका कपडा मैला हो जायेगा. हेमंत ने कहा था कि आंसू नहीं बहाऊंगा, हमारे आंसू की कीमत इनके सामने नहीं है. आंसू को वक्त के लिए संभाल कर रखेंगे. समय का पहिया घूमेगा तो सब षड्यंत्र का पर्दाफाश होगा.
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