रांची(RANCHI): झारखंड की राजधानी रांची के जाप-1 परिसर में दुर्गा पूजा एक अनूठे रूप में होती है. जहां प्रतिमा के जगह पर कलश स्थापना कर मां की आराधना की जाती है. वहीं आज नवमी के दिन 9 कन्या पूजा की गई. इसके साथ अस्त्र - शस्त्रों की भी पूजा जाप-1 में की गई और माता को फायरिंग कर सलामी दी गई.
बता दें कि रांची के डोरंडा स्थित जाप-1 में पूजा करने की परंपरा 1880 ईस्वी से चली आ रही है, इस मौके पर जैप वन के कमांडेंट वाईएस रमेश की धर्मपत्नी प्रीति रमेश ने कहा अनोखी पूजा में हम लोगों को पहली बार शामिल होने का मौका मिला और काफी अच्छा लगा. वहीं कमांडेंट ने अस्त्र-शस्त्र की पूजा को लेकर कहा कि हथियारों की पूजा जवान करते हैं ताकि उनका जो हथियार है उनका साथ हमेशा दें क्योंकि वे काफी दुर्गम स्थानों में भी अपनी सेवा देते हैं.
हर जगह जवानों की रक्षा करती है मां दुर्गा
गोरखा जवानों के हथियारों की पूजा के पीछे ऐसी मान्यता रही है की गोरखा और नेपाली संस्कृति पुरातन समय से ही शक्ति के उपासक रहे है. ऐसे में बलि की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है और अब इनकी संस्कृति का हिस्सा बन गई है. जवानों के मन में विश्वास है की शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से वे हर जगह जवानों की रक्षा करती है. इसलिए वे हर पूजा में मां दुर्गा को बलि अर्पित करते है और उनके सम्मान में गोलिया चालते है.
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