धनबाद(DHANBAD):झारखंड की रंग बिरंगी राजनीति में तेजी से" पावर गेम" का दखल हो रहा है. झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कहते हैं कि झारखंड का शराब घोटाला, छत्तीसगढ़ और दिल्ली से भी बड़ा है. तो झारखंड मुक्ति मोर्चा कहता है कि 10, 15 दिन के बाद वह शराब घोटाले में एक बड़ा खुलासा करेगा. इधर, रघुवर दास को उड़ीसा का राज्यपाल बनाए जाने के बाद झारखंड की राजनीति रंग बिरंगी हो गई है. कई तरह के कयास और चर्चा चल रहे हैं. इस बीच एसीबी ने रघुवर मंत्रिमंडल के पांच मंत्रियों के खिलाफ सबूत जुगाड़ करने की कार्रवाई तेज कर दी है.
झारखंड की राजनीति में पढ़िए कैसे हर मिनट,सेकंड बढ़
वही, जमशेदपुर में रविवार के दिन विजयादशमी उत्सव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय साथ-साथ दिखे .दोनों में कुछ देर तक बातचीत भी हुई. सरयू राय पूर्ण गणवेश में थे. महाष्टमी के दिन आरएसएस की ओर से जमशेदपुर में विजयादशमी उत्सव मनाया गया था. अर्जुन मुंडा और सरयू राय जिस तरह मिले और बातचीत की, फिर तो इसके मतलब निकालने वाले अपने अपने ढंग मायने निकलने लगे है. इधर, एंटी करप्शन ब्यूरो ने भाजपा विधायक दल के नेता अमर बाउरी सहित पूर्व के पांच मंत्रियों रणधीर कुमार सिंह, डॉक्टर लुईस मरांडी, डॉक्टर नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ जांच की कार्रवाई तेज कर दी है.
पांच पूर्व मंत्रियों पर शिकंजा कसने की "फुल प्रूफ" तैयारी
सूत्रों के अनुसार उनके परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई संपत्ति का डिटेल्स जुटाया जाने लगा है. सभी जिलों के निबंधन कार्यालय में जमीन, फ्लैट के कागजात खोजे जा रहे हैं.इस संबंध में पत्र सभी जिलों के निबंधन कार्यालय को भेजा गया है. झारखंड सहित दूसरे जिलों में भी खरीदी गई संपत्ति का डिटेल्स जुटाया जा रहा है. राज्य सरकार ने 26 जुलाई को मंत्री परिषद की बैठक में इन पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच की स्वीकृति दी थी. पांचो मंत्रियों पर रघुवर दास के शासनकाल में मंत्री रहते हुए वर्ष 2014 से 19 के बीच आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप है. कुछ पूर्व मंत्रियों पर तो आय से 200 से 1100% अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है. ACB ने पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अलग-अलग प्रिलिमनरी इंक्वारी दर्ज की है .
प्रत्येक के लिए अलग-अलग डीएसपी को जांच की जिम्मेदारी दी गई है
प्रत्येक के लिए अलग-अलग डीएसपी को जांच की जिम्मेदारी दी गई है. इन्हें पूर्व मंत्रियों के खिलाफ लगे आरोपों से संबंधित पूरे कागजात, सबूत जुटाने को कहा गया है. संभवत इसलिए जमीन, फ्लैट और निवेश की जानकारी जुटाई जा रही है. सूत्र बताते हैं कि कुछ पूर्व मंत्रियों के खिलाफ सबूत जुटा लिए गए हैं और कुछ के खिलाफ जुटने की कोशिश तेज कर दी गई है.
रिपोर्ट-सत्यभूषण सिंह
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