राज्य में महिलाएं असुरक्षित, आखिर कब तक महिला आयोग को मिलेगा अध्यक्ष, जानिए


रांची (RANCHI) राज्य महिला आयोग अध्यक्ष के बिना ही लगभग दो वर्षों से है.वैशाखी के सहारे महिला आयोग चल रहा है."THE NEWS POST" की टीम ने महिला आयोग जाकर जायजा लिया तो तीन महिला कर्मचारी एक कमरे में रहती हैं. आउटसोर्सिंग पर कार्यरत महिला कर्मचारी महिला आयोग को फिलहाल चला रही हैं. कंप्यूटर ऑपरेटर पम्मी कुमारी के मुताबिक अब डाकिया भी बहुत कम आते हैं, और फोन कॉल्स भी कम ही आते हैं, लगभग सभी लोगों को यह जानकारी राज्य भर में हो चुकी है कि झारखंड महिला आयोग में अध्यक्ष नहीं होने के कारण निवारण नहीं निकाला जा रहा है. प्रभार में जो अधिकारी हैं वह भी कभी-कभी आते हैं .सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक महिला आयोग का कार्यालय खुला रहता है, जो भी दूसरे जिले से डाकिया के द्वारा लिफाफा आता है वह फाइल में रख दिया जाता है उसकी एंट्री करा ली जाती है.
महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध के आंकड़े
राज्य में इन दिनों महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध, दुष्कर्म, डायन बिसाही के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. लगभग 4000 से अधिक मामले फाइल में पड़े हुए हैं. उनका निवारण नहीं निकल पा रहा है क्योंकि वैशाखी के सहारे फिलहाल आयोग चल रहा है. राज्य में महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध के ग्राफ के मुताबिक महिलाएं, बेटियां असुरक्षित हैं. आख़िर न्याय की उम्मीद में महिलाएं जाए तो कहां जाए .सरकार की महिला आयोग के प्रति उदासीनता दिखा रही है.
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