देवघर (DEOGHAR): देवघर का जसीडीह रेलवे स्टेशन संथाल परगना का प्रवेश द्वार कहा जाता है. एक तीर्थस्थल होने के कारण यहां सालों भर लाखों यात्रियों का प्रतिदिन आवागमन रहता है. देश हो या विदेश के यात्रियों का यहां आना जाना सालो भर लगा रहता है. लेकिन इन यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर मिलने वाली सुविधाओं से इन्हें महरूम रहना पड़ता है. यह हम नहीं बल्कि भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा गठित यात्री सुविधा समिति द्वारा कहा गया है. जसीडीह स्टेशन पर यात्री सुविधा समिति के कई सदस्यों ने निरीक्षण किया और इसमें कई खामियां पाई गई.
2 घंटे तक किया स्टेशन का निरीक्षण
समिति के सदस्यों ने स्टेशन की स्थिति पर नाराजगी भी जताई. लगभग 2 घंटे तक जसीडीह स्टेशन का समिति के सदस्यों द्वारा निरीक्षण किया गया. समिति द्वारा यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं और अन्य संसाधनों का बारीकी से निरीक्षण भी किया गया. निरीक्षण करने के बाद यात्रियों को मिल रही मूलभूत सुविधाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए समिति के सदस्य ने रेलवे प्रबंधन को आड़े हाथों लिया है. इन्होंने आरोप लगाया है कि जब भारत सरकार द्वारा मनोनीत कोई कमिटी निरीक्षण करने आती है तो इनके साथ रेलवे के वरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहते हैं. लेकिन आसनसोल रेल प्रमंडल के अधिकारी अपने धुन में रमे हुए हैं. उन्हें यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं से कोई मतलब ही नहीं है. देश के प्रधानमंत्री रेलवे को हाईटेक सहित यात्रियों को हर संभव सुविधा मुहैया कराने के लिए तत्पर हैं. लेकिन रेलवे के अधिकारी इस पर पानी फेर रहे हैं. जसीडीह स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं को ना पाकर समिति के सदस्यों द्वारा स्टेशन प्रबंधक सहित रेलवे के आला अधिकारी पर कई गंभीर आरोप भी लगाया हैं. समिति द्वारा अपने निरीक्षण का और नाराजगी का कॉपी रेल मंत्रालय सहित भारत सरकार को सुपुर्द करेंगे. यात्रियों की परेशानी को देखते हुए रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग करेंगे.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा, देवघर
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