धनबाद(DHANBAD): तो क्या बीसीसीएल में संचालित आउटसोर्स कंपनियां सुरक्षा मानक का बिल्कुल पालन नहीं करती, क्या दक्षिण भारत की प्रोफेशनल आउटसोर्स कंपनियों की जगह लोकल दबंगों का कब्जा हो गया है, क्या अधिक मुनाफे के चक्कर में अप्रशिक्षित मजदूरों से आउटसोर्स कंपनियां काम करा रही हैं , क्या पूर्व उपायुक्त के निर्देश पर बीसीसीएल में संचालित आउटसोर्स कंपनियों की सुरक्षा ऑडिट की रिपोर्ट रद्दी की टोकरी में डाल दी गई है.
यह सब सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि मंगलवार को कुजामा में देवप्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी में दुर्घटना हुई, जिसमें दो आउटसोर्स कर्मियों की मौत हो गई. इसके बाद बवाल मचा, हंगामा हुआ ,मृत कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा की घोषणा हुई. बीसीसीएल और खान सुरक्षा महानिदेशालय ने घटना की रिपोर्ट तलब की है, लेकिन क्या सिर्फ रिपोर्ट तलब करना ही काफी है. आउटसोर्स कंपनियों में सुरक्षा मानक की अनदेखी का मुद्दा कोल स्टैंडिंग कमेटी से लेकर कोयला मंत्रालय तक उठाया जा चुका है ,बावजूद कोई सुधार दिख नहीं रहा है .और दुर्घटनाओं की सूची लंबी होती जा रही है.
बीसीसीएल में 75% कोयल का उत्पादन आउटसोर्स कंपनियों के भरोसे
बीसीसीएल में फिलहाल 75% कोयल का उत्पादन आउटसोर्स कंपनियों के भरोसे हो रहा है. यह बात अलग है कि कंपनी कोयला प्रोडक्शन के आंकड़े पर गर्व करते हुए अपनी पीठ थपथपा रही है .लेकिन बीसीसीएल और खान सुरक्षा महानिदेशालय के नाक के नीचे आउटसोर्स कंपनियां के नाम पर सुरक्षा मानक की कैसे ऐसी तैसी की जा रही है, इसकी जमीनी स्तर पर कभी जांच पड़ताल नहीं होती. पूर्व उपायुक्त के निर्देश पर सुरक्षा ऑडिट हुआ तो उसमें भी कई खामियां पाई गई. लेकिन उसपर भी कोई दमदार कार्रवाई नहीं हुई.
अनट्रेंड मजदूरों को कम पैसे देकर कराया जाता है काम
एक आंकड़े के मुताबिक बीसीसीएल में फिलहाल 26 आउटसोर्स परियोजनाएं चल रही हैं.कुछ अभी बंद है. वैसे उपलब्ध एक आंकड़े में यह भी बताया गया है कि कोल इंडिया स्तर पर आउटसोर्स कंपनियों में एक लाख से अधिक मजदूर कार्यरत हैं. झारखंड की बात की जाए तो यहां भी आंकड़ा 50 हजार को छू लेगा. यह बात भी मजदूर संगठन के लोग उठाते रहे हैं कि यह संख्या इससे भी अधिक है. काम करने वाले प्रशिक्षित मजदूर नहीं होते .आउटसोर्स कंपनियों को प्रशिक्षित मजदूरों को अधिक पैसा देने होंगे, इसलिए अनट्रेंड मजदूरों को लगाकर कम पैसे पर काम कराया जाता है. अधिक मुनाफा कमाने की कोशिश की जाती है.
कोयला चोरी में आउटसोर्स कंपनियों की भूमिका
धनबाद कोयलांचल में कोयला चोरी में भी आउटसोर्स कंपनियों की भूमिका सामने आती रही है. जरूरत है कोयला उत्पादन के साथ-साथ सुरक्षा मानकों के पालन करने के लिए कंपनियों को बाध्य करने का. लेकिन मजदूर संगठनों का आरोप है कि दबंगों के आगे बीसीसीएल प्रबंधन में घुटने टेक दिए हैं. नतीजा होता है कि मजदूरों की जान जाती रहती है और संचालक अपनी गोटी लाल करते रहते है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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