रांची(RANCHI): कौन झारखंड को हिंसा ही आग में झोंकना चाह रहा है,आखिर कोई भी पर्व बिना विवाद का सम्पन्न क्यों नहीं हो रहा है. यह सवाल हर अमन पसंद लोगों के जुबा पर है. यही सवाल झारखंड में विपक्ष भी सरकार से पूछ रही है.आखिर कोई त्योहार आता है तो उपद्रवियों में हिम्मत कहां से आ जाती है. हाल में मुहर्रम के जुलूस के दौरन झारखंड में कई इलाकों में उपद्रव देखने को मिला है. विपक्ष ने राज्य के पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया है. साथ ही महुदी गांव में शुरू हुआ रामनवनी जुलूस के विवाद पर भी जांच की मांग की है.
झड़प की जांच करने महूदी पहुंची भाजपा
दरअसल भारतीय जनता पार्टी, झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष बाबुलाल मरांडी के निर्देश पर एक प्रतिनिधिमंडल नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र के महूदी में जिला प्रशासन के साथ हुई झड़प की जांच करने पहुंची. घटना की जांच के बाद प्रतिनिधिमंडल में पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. जिसमें “महूदी के हिन्दू पक्ष को रामनवमी के जुलूस निकालने का लाइसेंस देने के साथ महुदी घटना में संलिप्त सीओ, एसडीपीओ, एसडीएम को अविलंब बर्खास्त करने की मांग की गई है. जुलूस के दौरण दर्ज हुए मुकदमों को जांच कर वापस लेने की बात कही है. पाकुड़ के तारानगर, इलाही बस्ती में विशेष समुदाय द्वारा हिन्दुओं के घर में तोड़ फोड़ की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. पाकुड़ जिला के गोपीनाथपुर गांव में हुई घटना में सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. फिलिस्तीन झंडा दिखाने वालों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित हो”
हिन्दुओं को 40 वर्षों से निकालने नहीं दिया गया रामनवमी जुलुस – अमर बाउरी
पुलिस महानिदेशक से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि महुदी गांव में पिछले 40 वर्षों से हिन्दुओं को रामनवमी का जुलुस निकालने नहीं दिया गया है. इस मामले में वर्ष 2019 में उपायुक्त की अध्यक्षता में हिन्दुओं और मुस्लिमों के साथ हुई वार्ता में रामनवमी झंडा के जुलुस के बदले तिरंगा झंडा निकालने पर सहमती बनी, वहीं इस बात का आश्वासन भी दिया गया कि अगले वर्ष से रामनवमी का जुलुस निकालने की अनुमती दे दी जायेगी. लेकिन कोविड के कारण जुलुस नहीं निकाला गया. उसके बाद से जब भी हिन्दुओं ने रामनवमी का जुलुस निकालने का लाइसेंस मांगा तो जिला प्रशासन के तरफ से टाला गया.
इस वर्ष भी महावीर झंडा हिन्दुओं के द्वारा शान्तिपूर्ण तरीके से निकाला गया, लेकिन झंडा वापसी के समय जिला के सीओ, एसडीपीओ एवं एसडीएम ने झंडा को वापस नहीं जाने दिया जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है. महावीर झंडा की वापसी के लिए ग्रामीण शान्तिपूर्वक धरना दे रहे थे. इसी दौरान हिन्दुओं पर लाठी चार्ज किया, जिससे कई ग्रामीण गंभीर रुप से घायल हो गये. साथ ही कई बेकसूर के खिलाफ झुठा मामला दर्ज किया गया और गिरफ्तारी की गयी.
जो काम मुगल और अंग्रेज नहीं कर सके वह जेएमएम ने कर दिखाया- अमर बाउरी
उन्होंने कहा कि जो काम आज तक के इतिहास में मुगल और अंग्रेजों ने नही किया वो आज जेएमएम, कांग्रेस और राजद की सरकार ने कर दिया है. भारत आज़ाद है और यहां हर किसी को अपने अनुसार जीने का अधिकार है. राज्य सरकार की यह तुष्टिकरण की राजनीति चलने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष मुहर्रम के नाम पर पूरे राज्य को अशांत करने की कोशिश की गई है. वह झारखण्ड के इतिहास में पहली बार हुआ है. यह सब उन्मादियों का मनोबल बढ़ने के कारण हुआ है. मोहर्रम के मौके पर झारखंड के बगोदर, महोदी, सोनपुर, नयाटांड, पांडरपाला, नारायणपुर में हिंसक झड़प हुई. वहीं दुमका, जमशेदपुर, लोहरदगा, रामगढ़ में फिलिस्तीन का झंडे दिखाने का मामला प्रकाश में आया है.
रिपोर्ट. समीर हुसैन
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