गुमला(GUMLA) : गुमला के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुमला सहित झारखंड का नाम रोशन कर चुके हैं. लेकिन इन्हीं खिलाड़ियों के प्रति झारखंड सरकार ने कभी भी गंभीरता नहीं दिखाई. सरकार के इस रवैये के कारण खिलाड़ियों में एक निराशा का माहौल बनता जा रहा है. बता दें कि, गुमला जिले में संसाधनों का अभाव है. लेकिन ऐसे में भी खिलाड़ी अपनी प्रतिभा के बल पर फुटबॉल और हॉकी में लगातार क्षेत्र और राज्य का नाम रोशन करते आए हैं. कई बार तो गुमला के खिलाड़ियों के कारण पूरे भारत का नाम भी रोशन हुआ है. लेकिन इन्हीं खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर झारखंड सरकार द्वारा अब तक कोई बड़ी पहल नहीं की गई है. खिलाड़ियों के लिए न तो समय पर किट की व्यवस्था हो पाती है और न ही उनके पढ़ाई लिखाई पर सरकार ध्यान दे रही है.
खेल के साथ खिलाड़ी करना चाहते हैं पढ़ाई
खिलाड़ियों का मानना है कि सरकार की ओर से उन्हें आवासीय व्यवस्था की सुविधा के साथ कहीं न कहीं अच्छा खिलाड़ी बनने का अवसर तो दिया जाता है, लेकिन सही रूप से संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण उनका नियमित रूप से अभ्यास नहीं हो पता है. जिसके कारण खिलाड़ियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं, कई खिलाड़ियों का मानना है कि वह खेल के साथ ही साथ पढ़ाई भी करना चाहते हैं, लेकिन सरकार की ओर से उनकी पढ़ाई को लेकर स्पेशल व्यवस्था नहीं की जाती है. जिसके कारण जब उनका मैच होता है, तब उस समय उनके मैट्रिक और इंटर की परीक्षा आ जाती है. जिसके कारण वह न तो नियमित रूप से अपनी पढ़ाई कर पाते हैं और न ही अपनी परीक्षा दे पाते हैं. ऐसे में सरकार से इन खिलाड़ियों ने मांग की है कि, उनके लिए पढ़ाई के लिए और परीक्षा के लिए विशेष रूप से छूट और व्यवस्था की जानी चाहिए. ताकि खिलाड़ी पढ़ाई के अपने लक्ष्य को भी पूरा कर पाएं.
अच्छी सुविधा मिलने पर खिलाड़ी और बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे
ऐसा नहीं की खिलाड़ियों के साथ होने वाली समस्या को लेकर केवल खिलाड़ी ही चिंतित हैं बल्कि उनकी कोच वीणा तिरकी की माने तो निश्चित रूप से अगर खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा दी जाए और उनको पढ़ाई लिखाई में भी विशेष तरह की सुविधा प्रदान की जाए तो खिलाड़ी और बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे. उन्होंने बताया कि गुमला के खिलाड़ियों ने न केवल झारखंड के स्तर पर गुमला का नाम रोशन किया है, बल्कि फुटबॉल की टीम की कप्तान बनकर पूरे भारत में गुमला का नाम रोशन करने का काम किया है. बावजूद इसके सरकार की ओर से जितना ध्यान इन खिलाड़ियों पर देना चाहिए उतना ध्यान नहीं दिया जाता है. जो संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए वह संसाधन समय पर उपलब्ध नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. संसाधनों के अभाव के बीच में जब खिलाड़ी इतना बेहतर कर रहे हैं तो बेहतर सुविधा मिलने पर यही खिलाड़ी निश्चित रूप से और अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे. वहीं स्थानीय व्यक्तियों का भी मानना है कि खिलाड़ियों को लेकर सरकार की जो गंभीरता होनी चाहिए वह देखने को नहीं मिल रही है. केवल फाइलों पर और मंचों पर सरकार दावा तो करती है लेकिन इन खिलाड़ियों के बेहतर भविष्य को लेकर जो सुविधा खिलाड़ियों को मिलनी चाहिए वह नहीं उन्हें नहीं मिल रही है. जो निश्चित रूप से पूरी तरह से सरकार की उदासीनता को दर्शाता है.
बेहतर सुविधा न मिलने पर खिलाड़ी निराश
वहीं, यह मामला राज्य सरकार के स्तर का होने के कारण कोई भी जिला पदाधिकारी कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर रहे हैं. लेकिन कुछ लोगों का स्पष्ट कहना है सम्मिलित बिहार के समय जो गुमला के खिलाड़ियों को सुविधाएं मिलती थी वह सुविधा झारखंड अलग होने के बाद उतनी बेहतर तरीके से नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण गुमला के खिलाड़ियों को जो सम्मान और जो अवसर मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है और खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को बेहतर तरीके से स्थापित भी नहीं कर पा रहे हैं. जिसके कारण खिलाड़ियों के अंदर भी निराशा है और झारखंड का प्रतिभावन खिलाड़ी कहीं न कहीं उभरने से पूरी तरह से वंचित हो जा रहा है. सरकार को इन पूरे मामलों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए तभी जाकर गुमला के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे.
रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह
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