रांची(RANCHI): झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अब भी खाली है. बिना नेता प्रतिपक्ष के ही षष्टम विधानसभा का पहला सत्र चल रहा है. ऐसे में अब सवाल है कि आखिर इस बार देरी क्यों रही है. ना ही भाजपा अब तक विधायक दल के नेता की तस्वीर साफ कर पाई है और ना ही सदन में नेता प्रतिपक्ष बनाने पर सहमति बना पाई है.अब सदन की कार्यवाही दो दिन की बची है. ऐसे में यह तो साफ है कि पहले सत्र में नेता प्रतिपक्ष का चुनाव नहीं हो पाएगा.
नेता प्रतिपक्ष को लेकर जब भाजपा विधायक पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से पूछा गया तो उनका कहना है कि सदन के बाद बैठक कर विधायक दल नेता का चुनाव कर लिया जाएगा. साथ ही प्रतिपक्ष का नेता कौन होगा इसकी भी तस्वीर साफ हो जाएगी. पार्टी शीर्ष नेतृत्व को इसपर निर्णय लेना है.
चंपाई के अलावा विधायक पूर्णिमा दास साहू ने कहा कि संगठन में कई बड़े नेता है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष कौन बनेगा इसे लेकर मंथन किया जा रहा है.जल्द ही सदन को नेता प्रतिपक्ष मिल जाएगा. लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों के कंधे पर बड़ी जिम्मेवारी रहती है. साथ ही सदन को बेहतर तरीके से चलाने के लिए नेता प्रतिपक्ष भी उतना ही जरूरी है जितना सदन के नेता है.
इससे साफ है कि झारखंड में आने वाले एक सप्ताह के अंदर भाजपा विधायक दल का नेता के साथ साथ नेता प्रतिपक्ष पर मुहर लग जाएगी.प्रदेश कोर कमिटी की बैठक रांची में हो सकती है जिसके बाद रिपोर्ट आलाकमान को भेजा जाएगा. आखिर में केन्द्रीय नेतृत्व को नाम पर मुहर लगाना है. इसमें कई नेता रेस है जिन्हे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने की इक्षा है.
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