मुथूट फाइनेंस के अधिकारी और कर्मचारी जब पुलिस को भी डकैत समझ बैठे, जानिए क्या है पूरा मामला


धनबाद (DHANBAD): धनबाद के मुथूट फाइनेंस में डाका डालने पहुंचे अपराधियों का खौफ मैनेजर और कर्मचारियों पर इतना अधिक था कि एक को मारने और दो को दबोचने के बाद पुलिस जब सिविल ड्रेस में उन्हें बचाने पहुंची तो पुलिस को भी उन्होंने डकैत समझ लिया और नहीं मारने की मिन्नतें करने लगे. पुलिस टीम को उन्हें सामान्य करने में काफी वक्त लगा.
इधर, धनबाद के बैंक मोड़ स्थित मुथूट फाइनेंस में डाका के प्रयास को विफल करने के लिए बैंकमोड़ थाना प्रभारी डॉ. पीके सिंह सहित जवानों को सम्मानित करने का सिलसिला जारी है. डकैती करने आए बदमाशों से बहादुरी पूर्वक लोहा लेने वाले इंस्पेक्टर डॉ. पीके सिंह, जवान गौतम कुमार सिंह और उत्तम कुमार को बुधवार को कोलफील्ड गुजराती समाज ने सम्मानित किया. बैंक के मैनेजर को भी गुरुवार को सम्मानित किया गया.
दिलेरी और साहसिक कदम से घटना हुई विफल
इधर,बुधवार को विधायक राज सिन्हा ने थाना प्रभारी डॉक्टर पीके सिंह एवं उनकी टीम को अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया. विधायक ने कहा कि थाना प्रभारी की दिलेरी और साहसिक कदम से एक अपराधी ढेर हुआ और लूट की बड़ी घटना को रोकने में पुलिस सफल रही. वही, सिख कंबाइंड पीस कमेटी के लोगों ने भी थाना प्रभारी और उनकी टीम को सम्मानित किया और पुलिस का हौसला बढ़ाया, बता दें कि घटना के दिन फाइनेंस कंपनी के मैनेजर को अपराधी लगभग आधे घंटे तक पीटते रहे, उन्हें लहूलुहान कर दिया, बोल्ट की चाबी मांगते रहे लेकिन वह अपराधियों को भरमाते रहे और अंततः चाबी नहीं ही दी. तब तक पुलिस पहुंच गई और एक डकैत मार गिराया गया, दो पकड़े गए और अन्य भाग गए. मैनेजर का इलाज पाटलिपुत्र नर्सिंग होम में चल रहा था. मैनेजर के अदम्य साहस से प्रभावित होकर पाटलिपुत्र नर्सिंग होम के सीएमओ डॉ निर्मल ड्रोलिया ने गुरुवार को उन्हें सम्मानित किया. मैनेजर विक्रम राज को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया.
मैनेजर विक्रम राज को ही सबसे पहले ओवर पावर किया गया
मैनेजर विक्रम राज को ही सबसे पहले अपराधियों ने गन पॉइंट पर ओवरपावर कर बैंक खुलवाया और उन्हें लेकर अंदर चले गए. उसके बाद कर्मचारी आते गए और सबको पिस्टल सटाकर भीतर ले गए. फिर उन्हें बांध दिया और जितना जी में आया अपराधियों ने उनकी पिटाई की. एक अपराधी को ढेर करने और दो को पकड़ने के बाद जब पुलिस बैंक के अंदर प्रवेश की तो पुलिस को देख कर भी बैंक के जो अधिकारी और कर्मचारी थे, वह भयभीत हो गए. पुलिस दल सादे लिबास में था, इसलिए उन्हें भय हुआ कि कहीं फिर डकैत ही तो नहीं आ गए हैं. पुलिस वालों से वह मिन्नतें करने लगे कि अब बहुत हो गया, अब मत मारो. पुलिस को यह विश्वास दिलाने में काफी वक्त लग गया कि वह लोग बैंक मोड़ थाने से आए हैं और उनकी सुरक्षा के लिए पहुंचे हैं. काफी देर के बाद बैंक कर्मियों को भरोसा हुआ, इस बीच पुलिस अधिकारियों ने उनके हाथ पैर खोल दिए, मुंह से टेप हटा दिए, फिर जाकर बैंक अधिकारी और कर्मचारी सामान्य हुए.
ब्रांच मैनेजर विक्रम राज को चोट अधिक थी ,अस्पताल जाना पड़ा
घायल ब्रांच मैनेजर विक्रम राज को तत्काल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. उन्हें काफी चोट थी. पीट कर अपराधियों ने उन्हें घायल कर दिया था. अगर मैनेजर थोड़ा भी हिम्मत हारते तो अपराधियों को डाका डालने में सफलता मिल जाती, क्योंकि अपराधी बैंक के भीतर लगभग 9:30 बजे प्रवेश किए और सूचना मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए भी पुलिस को पहुंचने में 10 बज गए थे. हालांकि पुलिस ने बिना किसी तैयारी के पैदल ही घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ी, तब जाकर डकैती की घटना को विफल किया जा सका.
रिपोर्ट : प्रकाश महतो
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