धनबाद(DHANBAD): धनबाद में बुधवार की रात अफरा तफरी मच गई. अधिकारियों सहित डॉक्टरों के फोन की घंटियां बजने लगी. डॉक्टरों को तुरंत अस्पताल पहुंचने की हिदायत दी जाने लगी. दरअसल बलियापुर में एक साथ डेढ़ सौ से अधिक लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए थे. रात 10 बजते बजते तो धनबाद के SNMMCH में अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया.
अस्पताल के इतिहास में शायद पहली बार एक साथ इतने मरीज पहुंचे होंगे. फिर तो मरीज के परिजनों ने ही हाथ में स्लाइन लेकर , जहां-तहां अपने परिचितों को लिटा कर स्लाइन चढ़ वाने लगे .बेड नहीं होने के कारण जमीन पर लोगों का इलाज शुरू हुआ. एक साथ 100 से अधिक मरीजों के इमरजेंसी में पहुंचने मात्र से यह हाल हुआ. बेड कम पड़ गए, परिजन और ग्रामीणों की भीड़ से अस्पताल भर गया. हालत यह थी कि किसी को बेड नहीं मिला तो जहां-तहां लेट कर लोग इलाज कराने लगे. फर्श पर लेट कर कई लोगों ने स्लाइन ली. कई लोग कैंपस में स्लाइन की बोतल बाइक, पेड़ पौधों और बिजली के खंभों में लटका कर स्लाइन करवाते देखे गए.
अस्पताल के इतिहास को जानने वाले बताते हैं कि एक साथ इतने मरीज पहली बार अस्पताल पहुंचे थे. धनबाद का यह सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. लेकिन बुधवार की रात सब व्यवस्था फेल हो गई. गंदगी में लिटा कर बच्चों और मरीजों को स्लाइन चढ़ाया जा रहा था. बलियापुर के भोक्ता मेले में चार्ट और गुपचुप खाने से यह लोग बीमार हुए थे. बुधवार की शाम बीमार पड़ना शुरू हुए. और रात 10 बजे के बाद अस्पताल पहुंचे. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगभग सौ लोग भर्ती कराए गए हैं, बाकी लोगों का इलाज इधर-उधर चल रहा है. कई लोगों की स्थिति गंभीर भी बताई जा रही है.बीमार लोगों में अधिकांश बच्चे हैं. फूड प्वाइजनिंग के असली कारणों का पता नहीं चल पाया है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बुधवार की रात मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जो स्थिति बनी, वह सचेत करने के लिए काफी है कि अगर कोई अनहोनी हो जाए तो अस्पताल संसाधन का रोना रोता रहेगा और मरीजों का इलाज नहीं हो पाएगा. धनबाद के जनप्रतिनिधि सहित सरकार को इस घटना से सबक लेकर कम से कम इस अस्पताल को संसाधनों से युक्त करना चाहिए.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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