सुखदेव सिंह के मुख्य सचिव पद से हटने के क्या रहे कारण, जानिए विस्तार से


रांची(RANCHI) - झारखंड के मुख्य सचिव के पद से सुखदेव सिंह हटा दिए गए. इसके बाद से सरकारी महकमा से लेकर शासन प्रशासन की समझ रखने वालों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है. सुखदेव सिंह एक अच्छे अधिकारी माने जाते रहे हैं. आरंभ से उनकी छवि बेदाग रही है. फिर करियर के अंतिम पड़ाव पर उन्हें मुख्य सचिव पद से हटाया जाना अलग-अलग तरह के गॉसिप को जन्म दे रहा है. मार्च 2024 में उन्हें रिटायर करना है.
कुछ कारणों के विषय में जानिए
1987 बच के आईएएस अधिकारी सुखदेव सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं. बिहार में रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. कई जिलों के कलेक्टर भी रहे. झारखंड बंटवारा के बाद वे बहुत सारे पदों पर अपनी सेवा दिए हैं. फिर वरीयता के आधार पर अलग-अलग पदों पर उन्होंने सेवा दी है. कभी रांची के भी कलेक्टर रह चुके हैं. काफी उलझे हुए और पारदर्शिता बरतनी वाले अधिकारी रहे हैं. सुखदेव सिंह मधु कोड़ा के समय भी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद पर रहे. शिबू सोरेन के भी प्रधान सचिव रह चुके हैं.
जानिए उस विषय को जो महत्वपूर्ण हैं
सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए सुखदेव सिंह हेमंत सरकार के कुछ निर्णय को प्रभावित करने में सफल रहे. उन्होंने नियम से अलग कुछ भी करने से सरकारी विभागों को रोका है. कुछ विभागों के प्रस्तावों पर भी उन्होंने असहमति जताई. यह सभी लोग मानते हैं और जानते हैं कि सोरेन परिवार से सुखदेव सिंह की नजदीकियां रही हैं. नजदीकि़ियां एक अच्छे अधिकारी के रूप में रही है यानी सोरेन सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच एक अच्छा एलाइनमेंट उनके साथ रहा है. ब्यूरोक्रेसी में यह चर्चा है कि सुखदेव सिंह ने कई ऐसे प्रस्ताव पर अपनी सहमति देने से इनकार किया था जो नियम संगत नहीं थे संभवत सरकार के अंदर कुछ बैठे प्रभावित लोगों को यह बात ठीक नहीं लगी.इस कारण से उन्हें मुख्य सचिव पद से हटाया गया.
एक महत्वपूर्ण चर्चा है यह भी है जानिए
एक चर्चा यह भी है कि सुखदेव सिंह कुछ महीनो में रिटायर करने वाले हैं. वे केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा रखते हैं ताकि सेवा विस्तार मिले. वैसे तो इस बात के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है लेकिन ब्यूरोक्रेसी लेन में इसकी चर्चा तेज है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाकर फिर वह आगे सेवा विस्तार लेकर किसी महत्वपूर्ण पद पर रह सकते हैं क्योंकि उनकी अच्छी छवि रही है.इस कारण से केंद्र की मोदी सरकार उन्हें कोई महत्वपूर्ण दायित्व दे सकती है. इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा कि आखिर केंद्र से कब कुछ निर्देश आता है.
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