शहरों को कर्बला बनाने की धमकी देकर क्या हासिल करना चाहते हैं गुलाम रसूल बलियावी? क्या है इसके पीछे की राजनीति

हजारीबाग(HAZARIBAG): जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने मुसलमानों को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर सवाल मेरे आका का हुआ तो हम शहरों को कर्बला बना कर मानेंगे, मुझे जितनी गालियां देनी है दे लो, लेकिन अगर मेरे आका की इज्जत पर हाथ डाला गया, तब हम आका की इज्जत के लिए शहरों को भी कर्बला बनाने की कुब्बत रखते हैं. दलितों की तरह ही मुसलमानों के लिए भी सुरक्षात्मक कानून बनाया जाए.
नुपुर शर्मा को लेकर सेक्यूलर पार्टियों पर निशाना
नुपुर शर्मा को लेकर कथित सेक्यूलर पार्टियों पर भी निशाना साधते हुए बलियावी ने कहा कि क्या कारण है कि किसी भी सेक्यूलर पार्टी के द्वारा नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग नहीं की गयी. इस परिस्थिति में यह जरुरी है कि दलितों की तरह ही मुसलमानों के लिए भी सुरक्षात्मक कानून बनाया जाय. इससे देश में मुसलमानों को सत्ता में भागीदारी मिलेगी साथ ही बच्चों को रोजगार का भी अवसर मिलेगा. ताकि उनकी भी सुरक्षा हो सके. इस दौरान भारी मंच के नीचे खड़ी जनता तालियां बजा कर उनका हौसला अफजाई करती रही.
जेडीयू से एमएलसी रहे हैं बलियावी
यहां बता दें कि मौलाना गुलाम रसूल बलियावी जेडीयू से एमएलसी रहे हैं. इधर कुछ दिनों से जदयू झारखंड में संगठन विस्तार की रणनीति पर काम कर रही है, यही कारण है कि खीरु महतो को राज्य सभा भेजा गया है. जहां खीरु महतो के हिस्से महतो वोट और दूसरे पिछड़ी जातियों को एक साथ लाने की है, वहीं मौलाना गुलाम रसूल बलियावी अल्पसंख्यकों के बीच जदयू का विस्तार की रणनीति बना रहे हैं. यह बयान जदयू की यही रणनीति का हिस्सा हो सकता है. अल्पसंख्यकों की बात कर जदयू यह साबित करने का प्रयास कर रही है कि वह अल्पसंख्यकों के हर सुख दुख में साथ खड़ी है. इसके साथ ही बहुत संभव है कि मौलाना गुलाम रसूल बलियावी जदयू में किसी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दिये जाने का इंतजार कर रहे हों, विवादित बयान देकर वह अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हो.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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