CM हेमंत और कल्पना का दिल्ली दौरा निजी या पक रही राजनीतिक खिचड़ी,क्यों भाजपा से नजदीकी की शुरू हुई चर्चा
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रांची(RANCHI): बिहार के बाद क्या झारखंड में भी गठबंधन को धक्का लगने वाला है. यह सवाल झारखंड में चर्चा में है. सीएम के चेहरा बदलने से लेकर भाजपा के साथ हाथ मिलाने की खबर सुर्खियों में है. जिससे राजनीतिक तपिश भी बढ़ी है और एक बेचैनी सी अंदर खाने मची है. आखिर मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के बाद क्या सब कुछ बदल जाएगा.ऐसे में इस दिल्ली दौरे से लेकर झारखंड की कहानी पर बात करेंगे.आखिर पूरा खेल क्या चल रहा है. क्यों भाजपा और कांग्रेस दोनों रेस हो गई.
सबसे पहले बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे के बारे में कर लेते है. बीते तीन दिन से हेमंत सोरेन दिल्ली में है. उनके साथ विधायक कल्पना सोरेन भी मौजूद है. इस दौरे के बाद से ही चर्चा शुरू हुई की अब झारखंड में सरकार का चेहरा और गठबंधन बदलने वाला है.इससे पहले दिल्ली में भाजपा के नेताओं से मुलाकात भी हुई है.लेकिन इसके पीछे की कहानी कुछ और है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में जरूर है. हो सकता है कि भाजपा नेताओं से भी मिले हो. लेकिन कहा मिले यह भी जान लेना जरूरी है. झारखंड के राज्यपाल के पुत्र का विवाह है. आज से करीब एक माह पहले राज्यपाल संतोष गंगवार ने खुद मुख्यमंत्री को सपरिवार इस शादी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था. ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रस्तावित कार्यक्रम भी राज्यपाल के बेटे के विवाह का ही है. वह शादी समारोह में शामिल होने दिल्ली गए है. इस शादी समारोह में कई नेता भी पहुंचे है. जिसमें भाजपा के भी शामिल है. और कई अन्य दल के लोगो को भी आमंत्रण था वह भी है.
अब इसी शादी में मुलाकात और दौरे को लेकर झारखंड में कुछ जगह मीडिया में यह चर्चा शुरू हो गई की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली गए है और वहां सत्ता बदलने पर चर्चा शुरू हो गई. इस पूरे घमासान पर कांग्रेस और भाजपा ने भी जवाब दिया है.
कांग्रेस विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप ने कहा कि यह खबर सिर्फ महज अफवाह है. चुनाव के समय भाजपा ने ईडी को आगे कर हेमंत सोरेन को जेल भेजने का काम किया है.ऐसे लोगों को हर बार झारखंड ने निस्त नाबूद कर वापस भेजना जानती है. मुख्यमंत्री एक शेर है अब झपट्टा भी मरेंगे और भाजपा से कही भी हाथ मिलाने की कोई सच्चाई नहीं है.
वहीं भाजपा ने इसपर साफ कहा कि भाजपा हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती है. और जहां तक ईडी की कार्रवाई की बात है इसपर बयान देना उचित नहीं है. अगर ईडी किसी पर कोई कार्रवाई करती है तो कोई आधार रहा होगा. कोर्ट में पेपर जमा किए जाते है. हर किसी ने देखा की झारखंड के मंत्री के ठिकाने से कैसे करोड़ों में रुपये निकल रहे थे. ऐसे लोगों पर कार्रवाई के बजाए बचाना कांग्रेस का काम है. यह नया भारत है और लूट के खिलाफ कार्रवाई होती है. प्रधानमंत्री का साफ सिद्धांत है ना खाऊँगा और ना खाने दूंगा.
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