धनबाद(DHANBAD) : आलू को लेकर बंगाल सरकार एक तरह से "दादागिरी" पर उतर गई है. झारखंड में आलू की सप्लाई तो बंगाल से नहीं ही हो रही है. अब बिहार भी इसके लपेटे में आ गया है. बंगाल आलू के उत्पादन में देश में दूसरे नंबर पर है. इसलिए बंगाल से आलू की आपूर्ति अन्य प्रांतो में होती है. लेकिन पिछले लगभग एक सप्ताह से बंगाल सरकार का रवैया बिल्कुल बदला हुआ है. बंगाल में आलू की सप्लाई सामान्य रखने के नाम पर बाहर के प्रदेशों में आलू का निर्यात रोक दिया गया है.
झारखंड के बॉर्डर पर धनबाद के पास बंगाल पुलिस आलू के ट्रकों को झारखंड में प्रवेश करने नहीं दे रही है. ऐसा पिछले 7 दिनों से हो रहा है. झारखंड सरकार के संज्ञान में यह बात है. लेकिन अभी तक कोई निदान नहीं निकला है. इस बीच झारखंड के व्यापारी उत्तर प्रदेश और पंजाब से आलू मंगाना शुरू कर दिए है. इधर, सूचना मिली है कि बंगाल पुलिस बुधवार को अचानक बिहार की सीमा में घुसकर भी ऐसा ही कुछ किया है. NH-27 पर रामपुर के पास बैरियर लगाकर बंगाल से बिहार की ओर आने वालों आलू के ट्रकों को रामपुर के पास रोक दिया है.
बंगाल पुलिस ने यह कार्रवाई अचानक की है. बंगाल पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से बचती रही. पुलिस सिर्फ इतना ही कहती रही कि सरकार का आदेश है. बिहार, बंगाल के बॉर्डर पर रामपुर आलू की बड़ी मंडी है. NH-27 के दोनों और आलू के गोदाम है. NH के पूरब के गोदाम बंगाल के क्षेत्र में है, जबकि पश्चिम तरफ की दुकान बिहार में आती है. लेकिन आरोप के अनुसार बंगाल पुलिस ने बिहार क्षेत्र में पड़ने वाले गोदाम से भी आलू ले जाने पर रोक लगा दी है.
बताया जाता है कि रामपुर के गोदाम में आलू कई जगह से आता है. ऐसे में बंगाल पुलिस की अचानक इस कार्रवाई से व्यापारी भी परेशान है. बंगाल पुलिस की कार्रवाई से झारखंड तो परेशान था ही, अब बिहार के लोग भी परेशान होने लगेंगे. व्यापारियों का कहना है कि बंगाल सरकार अगर कोई निर्णय लिया है, तो उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए. जिससे की व्यापारी और उपभोक्ता दोनों कोई ना कोई रास्ता ढूंढ सके. लेकिन बिना किसी आदेश के अघोषित रोक से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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