IAS विनय चौबे की बढ़ीं मुसीबतें, पांचवां मामला हुआ दर्ज, ACB की जांच ने पकड़ी रफ्तार


रांची (RANCHI): निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे पर एक और मामला दर्ज किया गया है. जगन्नाथपुर थाना police ने चौबे सहित सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश का केस दर्ज किया है. यह FIR अरगोड़ा के दीपक कुमार की शिकायत पर हुई है. आरोपियों में विनय सिंह, उनकी पत्नी स्निग्ध सिंह, अरविंद वर्मा, विशाल सिंह, राजेश कुमार सिन्हा और राजीव कुमार झा शामिल हैं. यह विनय चौबे के खिलाफ दर्ज होने वाला पांचवां मामला है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
कंपनी पर कब्जे का आरोप
शिकायतकर्ता दीपक कुमार के मुताबिक, उन्होंने 2022 में Nexgen Solution नाम की कंपनी बनाई थी, जिसमें वे और विनय सिंह डायरेक्टर थे. कंपनी को Mahindra & Mahindra की कैपिटल डीलरशिप मिली और कारोबार तेजी से बढ़ा. इसी दौरान विनय सिंह ने IAS विनय चौबे से उनकी मुलाकात कराई. दीपक का आरोप है कि कंपनी का मुनाफा देखकर चौबे ने कंपनी में दखल देना शुरू कर दिया और विनय सिंह के साथ मिलकर कंपनी पर कब्जा करने की कोशिश की.
आरोप है कि चौबे ने अपने भाई मनोज चौबे को दीपक की दूसरी फर्म Font System में जीएम बना दिया. वर्ष 2006 में जब चौबे पलामू के डीसी थे, तब Font System को अस्पताल में मशीन सप्लाई के बड़े टेंडर मिले थे. दीपक का कहना है कि बाद में उन्हें कंपनी से बाहर कर दिया गया और उल्टा उन पर ही केस कराकर जेल भेज दिया गया.
ACB की जांच तेज
इधर, आय से अधिक संपत्ति मामले में ACB की जांच तेजी से चल रही है. गुरुवार को ACB ने चौबे के ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी और साले शिपिज त्रिवेदी से पूछताछ की. दोनों ने किसी भी तरह की गलत गतिविधि से इनकार किया और कहा कि चौबे ने कहां से पैसा कमाया, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. हां, रिश्तेदारी में पैसे का लेन-देन कभी-कभी होता रहा है.
24 नवंबर को ACB ने विनय चौबे, उनकी पत्नी, ससुर-साले और अन्य पाँच लोगों पर disproportionate assets मामले में केस दर्ज किया था. इसी केस को लेकर पूछताछ की गई. फिलहाल पुलिस और ACB दोनों स्तर पर जांच जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.
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