रांची(RANCHI): झारखंड में आदिवासी महोत्सव की तैयारी अंतिम चरण में है.बिरसा मुंडा स्मृति पार्क संग्रहालय में 9 और 10 अगस्त को देश की कई जनजातीय समूह का जमावड़ा देखने को मिलेगा. कैसे जल जंगल जमीन के असली मालिक आदिवासी समाज के लोगों का जीवन गुजर बसर होता है. खान पान कैसा होता हर एक चीज इस महोत्सव में देखने को मिलेगा. सिर्फ झारखंड ही नहीं देश और दुनिया में आदिवासी समाज को एक अलग पहचान इस महोत्सव से मिल रही है. झारखंड गठन के बाद यह तीसरा मौका है जब झारखंड की धरती पर 32 से अधिक आदिवासी जनजाति समूह के लोग पहुंचेंगे. इस बार का महोत्सव बेहद खास होने वाला है.
इस बार नया और अनोखा रहेगा महोत्सव
इस बार झारखंड आदिवासी महोत्सव-2024 नया और अनोखा रहेगा. यह महोत्सव झारखण्ड के लोगों के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए अनोखा रहेगा. इसमें एक से एक आकर्षक कार्यक्रमों का सम्मिश्रण रहेगा. विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकारों द्वारा एक से बढ़ कर एक प्रस्तुति देखने को मिलेगी.विभिन्न प्रदेशों से कलाकारों, लोक-कलाकारों की यात्रा उनके प्रदेशों से झारखण्ड तक दिखाई जाएगी. झारखण्ड आदिवासी महोत्सव 2024 में विभिन्न प्रदेशों से आने वाले कलाकार,लोक- कलाकार,चित्रकारअपने प्रदेशों से किस तरह की तैयारी करके झारखण्ड पहुंच रहें है, उनकी पूरी तैयारी और झारखण्ड पहुंचने तक पूरी यात्रा को वीडियो के माध्यम से दिखाया जाएगा.
आदिवासी व्यंजन का भी लुत्फ़ ले सकेंगे
आदिवासी महोत्सव के दौरान यहाँ लगने वाले फूड स्टॉल में झारखण्ड के आदिवासी व्यंजन का भी लुत्फ़ ले सकेंगे. यहाँ एक से एक स्वादिष्ट झारखंडी व्यंजनों का पारम्परिक शैली में लुत्फ़ ले पाएंगे. इन फूड स्टॉल में मिलने वाले व्यंजन बेहद लजीज रहेंगे.
झारखण्ड के लेखकों से जुड़ी पुस्तकों के स्टॉल भी लगेंगे
आदिवासी महोत्सव में पहली बार आदिवासी पुस्तक मेला भी लगाया जाएगा, जिसमें झारखण्ड के लेखकों से जुड़ी पुस्तकों के स्टॉल भी लगेंगे. जो भी लोग पुस्तक पढ़ने के शौकीन है और झारखण्ड के बारे में जानना चाहते हैं वह झारखण्ड के लेखकों की लिखी पुस्तक के माध्यम से जान सकेंगे.
बेहद खास रहेगी इस बार की आतिशबाजी तथा लेज़र शो
इस बार आदिवासी महोत्सव 2024 में बेहद खास तरीक़े से आतिशबाजी तथा लेज़र शो का आयोजन किया जा रहा है. जो दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर देगा. यह शो सबके लिए यादगार स्मृति बन कर रह जाएगा. यह आयोजन देखने वाले इस तरह के बड़े आयोजन देखने के गवाह बनेगें यह सिर्फ महोत्सव नहीं झारखण्ड के आदिवासी संस्कृति का आइना बनेगा जो देश ही नहीं वैश्विक पटल पर भी अपनी छाप छोड़ेगा.
इस महोत्सव में खास तौर पर राष्ट्रीय आदिवासी चित्रकार शिविर, कला शिल्प प्रदर्शनी, वृत्त चित्र स्क्रीनिंग रहेगी. इस कार्यक्रम की बेहतरीन तैयारी के लिए आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा अधिकारियों, कर्मियों और इवेंट मैनेजमेंट की अपनी पूरी टीम के साथ लगातार कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रह कर बेहतरीन तैयारियों में लगे हुए हैं.
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