चोरी के कोयले की ढुलाई बाइक से क्या शुरू हुई, खुल गए हैं बाइक चुराने के ट्रेनिंग सेंटर,आप भी जानिए इस खेल को


धनबाद(DHANBAD):जबसे कोयलांचल में मोटरसाइकिल पर चोरी का कोयला ढोने की परिपाटी शुरू हुई है ,तब से बाइक चोरी की घटनाएं भी बढ़ी है. इतना ही नहीं अब तो बाइक चोरी ट्रेनिंग सेंटर भी खोल लिए गए हैं. जी हां ,पुलिस को ट्रेनिंग सेंटर चलाने की सूचना मिली है. दरअसल धनबाद के SNMMCH से 7 नवंबर 21 को पुलिस अभिरक्षा से भागे भौरा के युवक ने धनबाद से लेकर बोकारो तक मोटरसाइकिल लिफ्टिंग का मजबूत गिरोह चला रहा है. वह बोकारो के किसी स्थान पर ट्रेनिंग सेंटर भी चला रहा है. उसके गैंग में अधिकतर नवयुवक होते हैं. इन लड़कों को वह ट्रेनिंग सेंटर में बाइक चुराने की ट्रेनिंग देता है. उसके बाद उन लड़कों को विभिन्न इलाकों में भेज दिया जाता है. बाइक चुराकर लाने वालों को प्रति बाइक 5000 का भुगतान मिलता है फिर उसी बाइक को ₹8000 में गैंग लीडर बेच देता है. आपको बता दें कि कोयलांचल में पहले साइकिल से चोरी के कोयला की ढुलाई होती थी. लेकिन इधर सड़कों पर बाइक से कोयला ढुलाई करते लोग दिख जाएंगे. ऐसे लोग चोरी के बाइकों का ज्यादातर इस्तेमाल करते हैं. बाइक खरीदने के बाद उसे विशेष बाइक बना दी जाती है. डबल शौकर लगाए जाते हैं. बाइक की लोड क्षमता बढ़ाई जाती है. इसमें कुछ विशेष ढंग के गराज मिस्त्री एक्सपर्ट होते हैं और वही यह सब काम करते हैं. जानकारी के अनुसार ऐसे कई गरज मिस्त्री पुलिस के रडार पर हैं. अब देखना है कि गराज मिस्त्री की उंगली पकड़कर पुलिस गिरोह तक पहुंच पाती है अथवा नहीं.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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