स्वास्थ्य विभाग को आईसीयू में पहुंचाने वाले कैग रिपोर्ट पर उठा रहे हैं सवाल: अजय साह
.jpeg)
रांची(RANCHI): झारखंड में कैग की रिपोर्ट सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है.कोरोना काल में विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई है. इसपर स्वास्थ्य मंत्री ने रिपोर्ट को गलत बता दिया और जांच की बात कह डाली. मंत्री के इस बयान पर भाजपा ने हमला बोला है. प्रदेश प्रवक्ता अजय शाह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को बर्बाद कर रिपोर्ट पर सवाल उठा रहे है.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने हाल ही में जारी कैग रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी.उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि स्वतंत्र भारत में कैग प्रशासनिक प्रणाली का सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी होगा और यह संस्थान लोकतंत्र को सुरक्षित रखने की एक अटूट दीवार साबित होगा. वर्षों बाद यह बात सत्य सिद्ध हुई, जब 2012 में कैग ने यूपीए सरकार की सच्चाई जनता के सामने उजागर की.
अजय साह ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के उस बयान की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कैग रिपोर्ट की जांच कराने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत कैग को पूरे देश के खातों की जांच का अधिकार सौंपा गया है, लेकिन अब झारखंड में एक मंत्री ही इस संस्था के रिपोर्ट की जांच की मांग कर रहे हैं. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि झारखंड सरकार के मंत्री खुद को संविधान से भी ऊपर समझने लगे हैं.
साह ने आगे कहा कि कांग्रेस-जेएमएम के नेता समय के अनुसार संवैधानिक संस्थाओं का मूल्यांकन करते हैं. जब कोई फैसला उनके पक्ष में आता है, तो वे इसे लोकतंत्र की जीत बताते हैं, लेकिन जब फैसला उनके खिलाफ जाता है, तो वे इसे लोकतंत्र विरोधी करार देते हैं. संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की यह प्रवृत्ति पहले चुनाव आयोग, फिर सुप्रीम कोर्ट और अब कैग तक पहुंच चुकी है.
साह ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें कैग रिपोर्ट की जांच करने के बजाए अपने विभाग की जांच करनी चाहिए . उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड का स्वास्थ्य विभाग गंभीर संकट में है और मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री ने इसे आईसीयू में पहुंचा दिया है. कहीं ऐसा ना हो कि हमेशा विवादित बयान देने वाले बड़बोले स्वास्थ्य मंत्री जी अपनी पार्टी और मुख्यमंत्री जी के लिए और सर दर्द बन जाए .
4+