बंगाल के सलानपुर के इस आदमी के हाथ में थे 109 सिक्कें लेकिन क्यों जाना पड़ा पुलिस के पास, पढ़िए

धनबाद(DHANBAD): बंगाल के सलानपुर के इस आदमी को दौड़ कर क्यों पुलिस के पास जाना पड़ा. उसके पास तो थे ब्रिटिश ज़माने के 109 सिक्के. मिट्टी के ढेर में खुदाई करते वक्त अगर ब्रिटिश जमाने के सिक्के मिल जाएं, तो भी आप भी परेशान हो सकते है. बंगाल के सालमपुर में ऐसा ही कुछ हुआ था. सलानपुर प्रखंड के कळल्या ग्राम पंचायत के समीप पहाड़पुर गांव में बच्चों ने खेल-खेल में घर के पुराने टिल्ले से ब्रिटिश जमाने के चांदी और अन्य धातु के 109 सिक्के खोज निकाले. दत्ता परिवार के एक पुराने घर की मिट्टी के टीले से इन सिक्कों को बरामद किया गया.
बरामद सिक्के 1914 के बाद के है
बरामद सिक्को में 1914 के बाद के ₹1, आधा रुपया, चार आने के अन्य सिक्के मौजूद है. सिक्के मिलने के बाद घर मालिक दिलीप दत्ता ने सिक्कों को लेकर रूपनारायणपुर पुलिस को फोन पर सूचना दी. सूचना पर पुलिस पहुंची और सिक्को को कब्जे में ले लिया. स्थानीय लोगों ने बताया कि मिट्टी के ढेर की खेल-खेल में बच्चे खुदाई कर रहे थे. मिट्टी से निकले सिक्कों को लेकर बच्चे सामान लेने के लिए स्थानीय दुकानदार के पास पहुंचे. जहां सिक्को को देख दुकानदार पहले चौक गया. बच्चों से पूछा कि वह सिक्के कहां से लेकर आए है. तब मामले का खुलासा हुआ. सिक्कों का मौद्रिक मूल्य से कहीं ज्यादा ऐतिहासिक महत्व है.
क्या है भारत में सिक्कों का इतिहास
बता दे कि प्राचीन काल के विपरीत, आधुनिक भारत में कागजी नोट्स और ‘प्लास्टिक मुद्रा’ का वर्चस्व है और सिक्कों का प्रयोग यदा-कदा ही होता है. परन्तु प्राचीन काल में स्थिति बिलकुल अलग थी. तब सिक्के ही व्यापार के साधन हुआ करते थे. इन्हें शासक राजवंशों द्वारा जारी किया जाता था और इनका व्यापक प्रयोग किया जाता था. ऐसा कहा जाता है कि सिक्कों का प्रथम निर्माण ईसा पूर्व छठी शताब्दी में हुआ था. उस समय के सिक्के शंख और विभिन्न धातुओं से बनाए जाते थे. जैसे-जैसे राजवंशों का धन बढ़ता गया, उनलोगों ने स्वर्ण से बने सिक्के जारी करना आरम्भ किया. यह सिलसिला 17वीं शताब्दी में भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी (ईआइसी) के पदार्पण तक चलता रहा. उसके बाद अंग्रेज़ी राज में जारी सिक्कों को दो काल में वर्ग्रीकृत किया गया है – एक, 1835 के पहले के काल में ईस्ट इंडिया कंपनी के सिक्के और दूसरा, उसके बाद का सम्राट काल, जब भारत पर प्रत्यक्ष रूप से अंग्रेज़ी राज स्थापित हो गया था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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