Cyber Crime: रहिये होशियार! सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर कुछ ऐसे गिद्धदृष्टि गड़ाए हुए है अपराधी

धनबाद(DHANBAD): रहिये होशियार !सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर साइबर अपराधी गिद्धदृष्टि गड़ाए हुए है. कभी भी ठगी कर सकते है. अभी हाल ही में खुलासा हुआ था कि झारखंड के दुमका में मंईयां सम्मान योजना की राशि साइबर अपराधियों ने हड़प ली. इसके पहले साइबर अपराधी गांव में गए थे और मच्छरदानी बांटने के नाम पर लोगों का आधार कार्ड और अंगूठे का निशान लिया था. उसके बाद बैंक में आई राशि निकाल लिए. अभी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की कई योजनाएं चल रही है.
फिलहाल सरकार की कई कल्याणकारी योजनाएं चल रही
फिलहाल राज्य सरकार की योजनाएं भी झारखंड में चल रही है तो प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप उपलब्ध कराए जा रहे है. झारखंड में इस योजना का काम जेरेडा द्वारा कराया जा रहा है. राज्य में अब तक 30 ,185 किसानों ने योजना के तहत सोलर पंप लगा लिया है. जबकि 73,000 से अधिक किसानों ने सोलर पंप लगाने के लिए आवेदन दिया है. इस बीच यह भी सूचना मिल रही है कि साइबर अपराधी योजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों को सोलर पंप दिलाने का झांसा देकर मोटी रकम ठगने की कोशिश कर रहे है.
किसानों को सावधान रहने की अपील की जा रही है
ऐसे में लगातार किसानों को धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटों से सावधान रहने की अपील की जा रही है. सूचना मिल रही है कि कई फर्जी वेबसाइट और मोबाइल एप के जरिए किसानों से सोलर पंप लगाने के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे है. इसके एवज में पंजीकरण शुल्क और पंप की कीमत का ऑनलाइन भुगतान करने को कहा जा रहा है. अब किसानों को सलाह दी जा रही है कि इनके झांसे में नहीं आये. सवाल है कि साइबर अपराधियों ने स्थिति ऐसी बना दी है कि अब सरकार को कोई भी योजना बनाने के पहले साइबर अपराधियों को नियंत्रित करने की कोशिश करनी होगी. अभी हाल ही में झारखंड के जामताड़ा में साइबर अपराधियों का जो गैंग पकड़ाया था , वह तो फर्जी ऐप बना कर बेचने का भी काम करता था और लोगों को फर्जी ऐप से ठगता भी था. बता दे कि झारखंड के कुख्यात जामताड़ा में अभी हाल ही में पकड़ाये 6 साइबर अपराधियों के गिरोह ने पूरे देश की पुलिस का ध्यान अपनी ओर खींचा था .
पुलिस भी उनकी करतूत सुन -जानकर हैरत में थी
पुलिस भी उनकी करतूत सुन -जानकर हैरत में थी . यह गिरोह केवल फर्जी ऐप ही तैयार नहीं करता , बल्कि उनका यह फर्जी ऐप एंटी वायरस की पकड़ में ना आये. इसका भी तोड़ उन लोगों के पास मौजूद था . जामताड़ा में डीके बॉस के नाम से 11 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके साइबर अपराधियों के इस गिरोह से पूछताछ में इन सब बातों का खुलासा हुआ था . खुलासे के बाद झारखंड सीआईडी और केंद्रीय गृह मंत्रालय की संस्था आई 4 सी के द्वारा नए साइबर ठगी के मॉडल की तोड़ निकालने की कोशिश शुरू हो गई है. यह बात भी सच है कि पुलिस साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी तो कर रही है, लेकिन नई-नई तरकीब से नए नए गिरोह लगातार ठगी कर रहे है. जामताड़ा पुलिस ने जिन 6 लड़कों को गिरफ्तार किया था. उनमें से पांच गिरिडीह के और एक देवघर के थे .
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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