धनबाद(DHANBAD): धनबाद सहित समूचे झारखंड में बिजली संकट को लेकर आश्वासन और भरोसे का जनाजा निकलने लगा है. धनबाद में तो बिजली संकट जारी है. इस पूजा के मौसम में भी 8 से 9 घंटे तक बिजली नहीं मिल रही है .जबकि डीबीसी और बिजली निगम ने भरोसा दिया था कि पूजा के दौरान लोगों को जीरो कट बिजली मिलेगी. उस आश्वासन की पूजा के पांचवें दिन ही पूरी तरह से हवा निकल गई. त्योहारों के साथ ही बिजली संकट भी शुरू हो गया है.
शहरों और ग्रामीण इलाकों में बढ़ा बिजली संकट
तेनुघाट विद्युत उत्पादन निगम की एक यूनिट और नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट से करीब 350 मेगावाट बिजली नहीं मिल पाने की वजह से राज्य के तमाम शहरों और ग्रामीण इलाकों में बिजली संकट बढ़ गया है. दिन के समय में पूरे झारखंड में बिजली की मांग 2500 मेगा वाट तक होती है, जबकि सप्लाई 1900 मेगावाट से अधिक नहीं हो पाती. 600 मेगावाट तक का अंतर बना रहता है. रात 12 बजे के बाद इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से निगम को 200 मेगावाट बिजली उपलब्ध होने पर कुछ राहत मिलती है. झारखंड बिजली वितरण निगम ने दुर्गा पूजा के दौरान बिजली संकट ना हो, इसके लिए इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से करीब 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का अग्रिम प्रबंध किया था. यह प्रबंध 18 से 24 अक्टूबर के लिए खास तौर पर किया गया था. इस बीच एनटीपीसी के नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट की एक इकाई में बॉयलर लीकेज के कारण बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया और झारखंड को इस यूनिट से मिलने वाली 160 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बंद हो गई.
झारखंड को मिलने वाली करीब 160 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बंद
दूसरी ओर कोयले की आपूर्ति अनियमित रहने के कारण तेनुघाट विद्युत उत्पादन निगम को एक यूनिट बंद करनी पड़ी. इससे पूरे झारखंड को मिलने वाली करीब 160 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बंद हो गई. धनबाद की बात की जाए तो हर तरफ दुर्गा पूजा की धूम है .लेकिन इस दौरान भी 8 से 9 घंटे बिजली कटौती हो रही है. डीवीसी मेंटेनेंस के अलावा चार से पांच घंटे की लोड शेडिंग कर रहा है. वहीं बिजली विभाग हर दिन 3 से 5 घंटे कटौती कर रहा है. शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक खूब बिजली कटौती हो रही है. बिजली कटौती की यह समस्या इस बार पूजा में खलल डाल रही है. यह खलल आगे भी जारी रहेगी या नहीं, इसका जवाब बिजली विभाग के पास भी नहीं है.
दुकानदारों में भी काफी नाराजगी
दुकानदार भी इस व्यवस्था से खासे नाराज हैं. उनका कहना है कि दुकानदारी के समय ही बिजली कटौती उन्हें परेशानी में डाल रखा है. वैसे भी त्यौहार के सीजन में बिजली की डिमांड अधिक हो जाती है. जनरेटर आदि चलाकर किसी तरह दुकानदारी की जा रही है .लेकिन इससे लागत अधिक आ रहा है. जो भी हो लोगों ने भरोसा किया था कि बिजली कटौती इस बार नहीं होगी लेकिन कटौती की जो रफ्तार है ,वह लोगों को परेशानी में डालने वाली है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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