गढ़वा (GARHWA) : मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को लेकर बवाल जारी है. एक तरफ राज्य सरकार 56 लाख 61 हजार बेटियों और बहनों को हर महीने 2500 रुपये भेज रही है, वहीं दूसरी तरफ महिलाएं सड़क पर उतरकर हंगामा कर रही हैं. पैसे लेने वाले लाभार्थी भी तनाव में हैं. दरअसल मंईयां सम्मान योजना से नाम हटाये जाने और योजना का लाभ नहीं मिलने की सूचना राज्य के लगभग सभी जिलों से आ रही है. इसी बीच मंगलवार की सुबह गढ़वा जिला के सदर प्रखंड के रंका बोलिया पंचायत में महिलाओं ने जमकर बवाल काटा.
मंईयां सम्मान योजना से नाम हटाए जाने पर आक्रोशित महिलाएं मंगलवार की सुबह सदर प्रखंड कार्यालय पहुंचकर नाराजगी जतायी. करीब दौ सौ से अधिक संख्या में पहुंची महिलाओं का कहना था कि उनका नाम योजना से हटा दिया गया है. इससे उनको परेशानी होगी. ग्रामीणों ने इसके लिए पंचायत के मुखिया और पंचायत सेवक को दोषी ठहराया. लोगों ने कहा कि कुछ खास वर्ग के लोगों को लाभ देने के लिए यह सब किया जा रहा है. आक्रोशित ग्रामीणों ने बीडीओ से मामले की जांच कर योजना का लाभ दिलाने की गुहार लगायी है.
लाभुकों में पैसा वसूली का भी डर
वहीं दूसरी तरफ मंईयां योजना का लाभ ले रहे लाभुकों में मन में डर का भी माहौल है कि कहीं कार्रवाई ना हो जाए. दरअसल इस योजना में बड़ी संख्या में ऐसे लाभार्थी भी बन गए हैं, जो फर्जी दस्तावेज और शपथ पत्र जमा कर लाभ ले रहे हैं. अब ऐसे लाभार्थियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. साथ ही फर्जी तरीके से लाभ लेने वालों से ब्याज समेत पैसे वसूलने की तैयारी की जा रही है. इन सबके बीच बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं जिनके खाते में पैसे नहीं पहुंच रहे हैं. अब ये महिलाएं सड़कों पर उतरकर हंगामा कर रही हैं. सबसे पहले हंगामे की तस्वीर धनबाद से आई, उसके बाद जमशेदपुर में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि उन्हें दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. अधिकारी उन्हें बस इधर-उधर दौड़ा रहे हैं. अब सब्र का बांध टूट चुका है और विरोध प्रदर्शन ही एकमात्र रास्ता बचा है.
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