जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : झारखंड की मिट्टी में सिर्फ खनिज संपदाएं ही नहीं बल्कि प्रतिभाएं भी छुपी हैं. ये साबित किया है अनिल लोहार ने जिन्होंने तीरंदाजी में दो स्वर्ण और एक रजत पदक हासिल किए हैं. यह पुरस्कार गुजरात में आयोजित 42वीं सीनियर नेशनल खेल में मिला है. अगर इंसान में प्रतिभा हो और कुछ कर गुजरने जाने का जज्बा हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है. ये जीत हासिल कर अनिल लोहार ने ये साबित किया कि आने वाले वक्त में वो अपने राज्य और देश का नाम रौशन करने की क्षमता बखूबी रखते हैं. जिसके देखते हुए आरएसबी ग्रुप ने इसे आगे बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाई है.
पहली बार आरएसबी ने पहचाना
आरएसबी ने जहां चाह वहां राह की कहावत को सच साबित करने में भूमिका अदा की है. इस प्रतिभावान खिलाड़ी के हुनर को पहली बार आरएसबी ने पहचाना और एक छोटे से चिकन शॉप में काम करने वाले अनिल को न सिर्फ नौकरी दी बल्कि उन्हें अपने पंख फैलाने और प्रतिभा को तराशने का मंच भी प्रदान किया. अनिल की इस उपलब्धि से खुश होकर आरएसबी के वाइस चेयरमैन ने न सिर्फ नकद पुरस्कार से सम्मानित किया बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भाग लेने के लिए जरूरी बो और ऐरो की सौगात देने की घोषणा भी की. जिसकी कीमत 4 से 5 लाख बताई जा रही हैं.
झारखंड में नहीं है प्रतिभा की कमी- वाइस चेयरमैन
इस अवसर पर एस के बेहरा ने कहा कि, प्रतिभा की कमी नहीं हैं बस जरूरत है तो उन्हें पहचान कर तराशने की. तीरंदाजी, हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट जैसे खेलों में तो यहां बेशुमार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि आरएसबी अपने सामाजिक सरोकार में हमेशा आगे रहती है और नई प्रतिभाओं कि तलाश और निखारने में वो आगे भी हमेशा रहेंगे.
संघर्ष के दिनों को याद कर भावुक
अनिल लोहार अपनी भावनाएं प्रगट करते हुए काफी भावुक हो गए, उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए आरएसबी के प्रबंधन को धन्यवाद दिया. इस मौके पर मैनेजमेंट की ओर से सार्थक बेहरा तथा एचआर हेड जया सिंह भी मौजूद रहे.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा
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