धनबाद(DHANBAD) : यह जो आप दृश्य देख रहे हैं, यह किसी तालाब का नहीं बल्कि धनबाद के सिटी सेंटर से बरवाअड्डा तक की मुख्य सड़क का हाल है. आधी सड़क पर महीनों-महीनों से पानी जमा है. पानी से बदबू आ रही है. सड़क टूटकर एक चौथाई की भी नहीं रह गई है. हजारों- हजार गाड़ियां इस सड़क से रोज गुजरती है, ऐसा नहीं कि जनप्रतिनिधि -अधिकारी का वास्ता इस सड़क से नहीं पड़ता है. बावजूद सड़क की हालत और दुर्गंध दे रहे पानी को हटाने का, सड़क को बचाने का कोई प्रयास नहीं होता. रविवार को इसके लिए बनी संघर्ष समिति का धैर्य टूट गया और लोग पानी के बीच सड़क पर बैठ गए. संघर्ष समिति का आरोप है कि इसके लिए नगर निगम और धनबाद आईआईटी आईएसएम प्रबंधन जिम्मेवार है. आईआईटी आईएसएम प्रबंधन ने पहले कहा था कि उसके परिसर का गंदा पानी बाहर नहीं निकलेगा.
नगर निगम द्वारा 7 साल पहले बनाई गई थी सड़क
7 साल पहले नगर निगम ने करोड़ों की लागत से इस सड़क का निर्माण कराया, बीच में मरम्मत भी हुई. लेकिन अभी तो सड़क ही टूट कर एक चौथाई की रह गई है. सड़क को ठीक कराने के लिए कई पत्राचार किए गए, पानी की निकासी की कोई स्थाई व्यवस्था की भी मांग की गई, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. हालत यह है कि अब पानी से इतना अधिक दुर्गंध निकल रहा है कि सड़क से गुजरने वाले लोगों को भी नाक पर रुमाल रखकर जाना पड़ता है. बगल में बाजार भी है, निवास भी है, ऐसे में लोग कैसे रहते होंगे, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. यह सड़क जब भी बनी होगी, जनता के पैसे से ही बनी होगी, फिर जनता के पैसे का इस तरह से बिना किसी प्लानिंग, बिना किसी योजना का दुरुपयोग करने वालों को क्या सरकार चिन्हित करेगी. उन पर कोई कार्रवाई होगी, जनता को कोई राहत मिलेगी ,यह सब बड़े सवाल है, जिन का जवाब आज नहीं तो कल सबको देना ही होगा.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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