पांच करोड़ में बहुत बदल सकती थी तस्वीर, जानिये आखिर एक केंद्रीय योजना धरातल पर क्यों नहीं उतर सकी


चाईबासा(CHAIBASA): विकास के लिए सरकारी योजनाओं की कमी नहीं है. लेकिन दिक्कत है इच्छा शक्ति और ईमानदार प्रयास की. इसका खमियाज़ा ग्रामीण इलाकों को अधिकतर भुगतना पड़ता है. कई बार तो उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि उनके घर-गांव की तस्वीर बदलने के लिए कोई सरकारी योजना भी है. यही हाल है पश्चिम सिंहभूम के नोवामुण्डी प्रखंड क्षेत्र के कोठगढ़ क्षेत्र का. यह इलाका जगन्नाथपुर विधानसभा में पड़ता है. यहां के लिए पांच करोड़ की लागत वाली चार योजना स्वीकृत है. यह केंद्र सरकार की डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन योजना है.
पहले जानिये क्या है यह योजना
श्यामा प्रसाद मुखर्जी योजना के माध्यम से क्लस्टर आधारित एकीकृत विकास पर फोकस किया गया है. इसका उद्देश्य बुनियादी सेवाओं को बढ़ाकर, स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करके और सुनियोजित रुर्बन क्लस्टर बनाकर रुर्बन समूहों को बदलना है.
मंत्री के निर्देश के बावजूद नहीं हो सका कोठगढ़ क्षेत्र का विकास
जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के नोवामुण्डी प्रखंड क्षेत्र के कोठगढ़ क्षेत्र को इसके लिए चुना गया था, ताकि यहां का विकास हो सके. लेकिन तमाम प्रयास के बावजूद योजना जमीन पर नहीं उतर सकी है. सांसद गीता कोड़ा और जगन्नाथपुर के विधायक सोनाराम सिंकु ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री अलमगीर आलम से भी योजना को शुरू कराने की गुहार लगाई थी, मंत्री ने उपायुक्त को अविलंब बंद पड़ी योजनाओं को शुरू करने के निर्देश भी दिये थे. लेकिन मंत्री के निर्देश दिए हुए पांच माह बीत गए. इसके बाद भी योजनाएं शुरू नहीं हो सकी है.
अब मुख्यमंत्री से लगाएंगे गुहार
विधायक इस मामला को मुख्यमंत्री तक ले जाने का भी मन बना चुके हैं. साथ ही अब तक किस कारण से योजना शुरू नहीं की गई है. इसे भी पता करेंगे. जबकि विधायक के प्रयास से एक ही दिन में योजना की तकनीकी स्वीकृति ग्रामीण विकास विशेष अंचल के मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम से करा कर जिला भेजवाई गयी थी.
योजना के बंद होने की भी चर्चा तेज
इधर यह भी चर्चा है कि अब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन योजना ही बंद होने की स्थिति में है. राज्य सरकार से चयनित और स्वीकृत नोवामुण्ड प्रखंड के कोटगढ, दुधबीला में कई प्रकार की योजना का कार्य टीएसआरडीएस,जिला परिषद और कृषि पदाधिकारी ने कराया है. शेष चार कार्य एजेंसी से कराने के चक्कर में योजना को ही ठप कर दिया गया है. गौरतलब है कि इस संबंध में उपायुक्त अनन्य मित्तल से विधायक सोना राम सिंकु लगातार चारों योजना का कार्य शुरू कराने की मांग पिछले एक साल से भी अधिक समय से कर रहे हैं, लेकिन आज तक योजना धरातल पर नहीं उतरी है.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा
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