देवघर(DEOGHAR); साइबर अपराध के क्षेत्र में बिहार,झारखंड और बंगाल में अपना गिरोह चलाने वाला अब्दुल मतीन देवघर जिला में झामुमो युवा प्रकोष्ठ का उपाध्यक्ष है. 7 साल पहले खाने को मोहताज मतीन आज अकूत संपत्ति का मालिक है. इसने साइबर गिरोह को बना कर कई राज्यों में भोले भाले लोगों से साइबर ठगी की है. प्रयागराज पुलिस ने पिछले दिनों बंगाल से इसको गिरफ्तार किया है. देवघर साइबर पुलिस भी खंगाल रही है इसका इतिहास.
साइबर सरगना ने 7 साल ये सब अर्जित किया
झामुमो युवा प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष अब्दुल मतीन देवघर के सारठ थाना क्षेत्र के बारा का रहने वाला है. इसके पिता हारून मियां साईकल से गाँव गाँव जाकर लुंगी,गमछा इत्यादि बेचता था. 9 साल पूर्व समुचित इलाज के अभाव में इसका इंतकाल हो गया. अब्दुल चार भाइयों में तीसरे नम्बर पर है. बड़ा भाई खेती,मझला भाई sbi का csp चलाता है और छोटा भाई मधुपुर में रहता है.पिता के मौत के बाद अब्दुल की स्थिति दयनीय हो गई थी. फिर इसने साइबर अपराध की दुनिया में कदम रखा और धीरे धीरे इसने अपना गिरोह बना लिया. कम समय में पैसा कमाने के लालच में पढ़ाई करने वाले युवाओं को अपने टीम में रखा. इसने बिहार,झारखंड और बंगाल तक अपना ठगी का कारोबार फैलाया. नतीजा है कि आज उसके पास कई एकड़ जमीन के अलावा, निजी स्कूल,ऐशो आराम के साधन वाला आलीशान मकान,हौंडा सिटी,थार,suv700,बुलेट, स्कूली बच्चों को लाने और लेजाने के लिए 5 मैजिक और 1 स्टार बस और काफी नगद है. मतीन सारठ के पंसारी गांव में रॉयल कॉन्वेंट स्कूल भी चलाता है.
गिरोह के सदस्य की गिरफ्तारी पर पुलिस को मंत्रियों की धौस जमाता था
अब्दुल मतीन 2022 में जिला परिषद का चुनाव भी लड़ा था. 7 साल में साइबर ठगी से अकूत संपत्ति अर्जित करने वाला मतीन जिप चुनाव में पानी की तरह पैसा भी बहाया था. लेकिन वह जीत न सका. मतीन के गिरोह का सदस्य की गिरफ्तारी होने पर पुलिस को कई मंत्रियों की पहचान होने और उनसे फ़ोन करवाने का धौस भी जमाया जाता रहा है. मतीन ने सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम,बादल पत्रलेख इत्यादि के साथ फ़ोटो दिखाकर भी पुलिस वालों पर धौंस जमाता था.
कई सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों से ठगी करने के मामले में हुआ गिरफ्तार
साइबर अपराध की दुनिया मे कदम रखने के बाद अब्दुल मतीन ने शुरुआती दौर में फर्जी बैंक अधिकारी बन या फिर कई तरह का लालच देकर भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता था. उसके बाद मतीन ने सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों को चुना. पुलिस कर्मियों का डाटा ओपेन सोर्स से ऑनलाइन उपलब्ध करता था फिर उन्हें कोषागार पदाधिकारी के नाम से फ़ोन करता था. ट्रूकॉलर में भी इसका नाम कोषागार पदाधिकारी आता था. इसी चक्कर मे सेवानिवृत्त पुलिस कर्मी फंस जाते थे और अपना सारा डिटेल दे देते थे. इसी तरह मतीन ने सारी जानकारी उपलब्ध करता था और फिर सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों के बैंक खाता से राशि उड़ा ली जाती थी. प्रयागराज के रहने वाले सेवानिवृत्त हेड कांस्टेबल भोलानाथ चौधरी का 10 लाख और सेवानिवृत्त दरोगा राजकुमार के बैंक खाता से 20 लाख रुपये उड़ा लिया था. खाते से पैसा गायब होने से दुखी सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों ने प्रयागराज थाना में ठगी का मामला दर्ज कराया था. इसी केस के अनुसंधान में प्रयागराज पुलिस ने मतीन सहित 4 साइबर ठगों को बंगाल से गिरफ्तार किया है. पुलिसिया पूछताछ में इसके निशानदेही ओर देवघर के पथरौल थाना क्षेत्र से बसारत अंसारी को गिरफ्तार किया गया है. बसारत ने भी साइबर अपराध कर अकूत संपत्ति अर्जित की है.
देवघर साइबर पुलिस खंगाल रही है इसका इतिहास
कई राज्यों में साइबर ठगी कर अकूत संपत्ति अर्जित करने वाला झामुमो युवा प्रकोष्ठ जिला उपाध्यक्ष अब्दुल मतीन का आपराधिक इतिहास देवघर साइबर पुलिस खंगाल रही है. अगर एक भी मामला प्रकाश में आएगा तो देवघर पुलिस उसे प्रयागराज जाकर रिमांड पर लेगी.
झामुमो जिला अध्यक्ष की अनुशंसा पर हुआ निलंबित
झामुमो युवा प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष अब्दुल मतीन के निलंबन के लिए पार्टी के जिलाध्यक्ष संजय कुमार शर्मा ने केंद्रीय अध्यक्ष को इसकी सदस्यता समाप्त करने की अनुशंसा की गई थी. संजय शर्मा के अनुसार गठित 5 सदस्यीय टीम की जांच में साइबर अपराधी होने का प्रमाण मिला है. इसी के आधार पर अब्दुल मतीन को केंद्रीय समिति ने उसका प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी है. पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष विनोद कुमार पांडेय ने उसकी सदस्यता को रद्द करने का पत्र जारी किया है.
जिस तरह साइबर अपराध कर अकूत संपत्ति अर्जित करने वाला सफेदपोश अब्दुल मतीन की गिरफ्तारी ने पार्टी के नाम को धूमिल किया है. कई राजनेता के साथ फोटो और उनसे मधुर संबंध क्या इशारा करता है यह चर्चा का विषय बना हुआ है.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा
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