कोडरमा(KODERMA):झारखंड का कोडरमा जिला अभ्रक नगरी के नाम से विश्व पटल पर प्रसिद्ध हैं. वर्तमान समय में कागजों पर अभ्रक की खदाने बंद है लेकिन जमीनी तौर पर कई खदाने अवैध तरीके से चालू हैं. तभी तो जिला में चोरी छिपे कई माईका फ्लैश की फैक्ट्रियां धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं.
धड़ल्ले से संचालित हो रही है माईका फ्लैश की फैक्ट्रियां
अवैध अभ्रक खदानों में कार्यरत मजदूर बेरोजगारी की वजह से अपनी जान जोखिम में डालकर अभ्रक निकालते है. कुछ पैसे के लिए उस अभ्रख को अवैध खरीददारों के पास बेच देते है. तो वहीं अभ्रख का अवैध खरीददार फैक्ट्री के मालिक के पास उसे मोटी रकम पर बेचता है. जिसकी वजह से फैक्ट्री के मालिक करोड़ों का फायदा कमा रहे हैं. लेकिन अपनी मजदूरों को मेहनत के बाद भी कुछ खास फायदा नहीं मिलता है.
जमीनी तौर पर कई खदाने अवैध तरीके से चालू
आपको बता दें कि कोडरमा जिला के झुमरीतिलैया और डोमचांच में ज्यादातर माईका फ्लैश की फैक्ट्रिया संचालित है. जहां सड़को पर प्रशासन के सामने ही खुले आम जंगलो से अभ्रक का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. वाहनों के जरीये फैक्ट्रियों तक इसे भेजने का खेल अभ्रक माफिया कर रहे हैं. वहीं आपको बता दें कि काले कारनामे में जिला प्रशासन की कार्रवाई की भूमिका संदिग्ध है. कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एक दो माईका फैक्ट्रियों को ही सील किया गया हैं.
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