रांची(RANCHI)- झारखंड की हेमंत सरकार बच्चों को साइकिल देगी साइकिल खरीदने के लिए टेंडर निकाला गया है 2 वर्षों के लिए लगभग 7 लाख साइकिल खरीदी जाएंगी. साइकिल आपूर्तिकर्ता कंपनी के लिए कड़ी शर्तें रखी गई हैं.
जानिए साइकिल खरीदने की योजना के बारे में
एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के आठवीं कक्षा के बच्चों को साइकिल देने का प्रावधान है. इसमें दो विभाग शामिल हैं.एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की यह योजना है. उल्लेखनीय है कि सरकार ने प्रत्येक साइकिल पर 4500 रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा है.
टेंडर की मुख्य शर्तों के बारे में जानिए
सरकार के दोनों विभागों ने 2023 24 और 2024 25 के लिए टेंडर प्रकाशित किया है यह ग्लोबल टेंडर है आपूर्ति करता है कंपनियों के लिए शर्ट कड़े किए गए हैं 1 साल में तीन लाख साइकिल आपूर्ति करने का अनुभव होना चाहिए.इसके अलावा यह भी शर्त है कि साइकिल बनाने वाली कंपनी का सालाना टर्नओवर 250 करोड रुपए और एक साल में 8 लाख साइकिल निर्माण की क्षमता होनी चाहिए. टेंडर की ताजा शर्तों से बड़ी और नामी कंपनियों को ही साइकिल आपूर्ति का काम मिल सकता है.वैसे टेंडर में एल वन जो भी आएगा, उसे ही इसकी आपूर्ति का काम मिलेगा.
इस संबंध में एक और सच्चाई को जानिए
विभागीय सूत्रों के अनुसार इससे पहले 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के लिए साइकिल आपूर्ति के संबंध में कुछ प्रक्रिया आगे बढ़ी थी. बताया जा रहा है. कुछ स्वार्थी तत्वों के द्वारा मैनेज कर लो ग्रेड की कंपनी की ओर से साइकिल आपूर्ति की व्यवस्था कराई जा रही थी. लेकिन जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने यह प्रस्ताव आया तो इस पर सवाल खड़े किए गए. सूत्र यह भी बताते हैं की मुख्य सचिव ने भी इस को ग्रेट कंपनी की साइकिल खरीदने पर ऐतराज जताया था. इस कारण यह मामला टल गया. तभी सरकार ने यह तय किया कि बीते तीनों वर्षों 2020-21,2021-22 और 2022-23 के लिए साइकिल खरीद की राशि संबंधित बच्चों के खातों में प्रति साइकिल 4500 रुपए के हिसाब से डीबीटी कर दिया जाए. मालूम हो की 2020-21 में जो बच्चे आठवीं कक्षा में होंगे हुए आज स्कूल से पास आउट भी हो गए होंगे. फिर भी सरकार उन्हें यह लाभ देने का मन बनाया. इस मामले में मुख्यमंत्री का स्टैंड कड़ा रहा.
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