टीएनपी डेस्क (TNP DESK) – झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पॉक्सो एक्ट में दर्ज एफआरआई की जांच में तेजी और पीड़िता को जल्द इंसाफ दिलाने के लिए नई पहल की है. अपराध अनुसंधान विभाग यानि सीआईडी इसके लिए विशेष यूनिट का गठन कर रहा है. इसमें महिला पुलिस पदाधिकारियों और महिला पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी.
महिला पुलिस की नियुक्ति
पक्सो एक्ट राज्य के सभी 606 थानों में स्पेशल महिला पुलिस की नियुक्ति की जाएगी। अपराध अनुसंधान विभाग की कोशिश है कि विशेष यूनिट के जरिए पॉक्सो के मामलों में न सिर्फ जांच को ज्यादा से ज्यादा गति मिले, बल्कि मौके पर ज्यादा से ज्यादा साक्ष्य भी इकट्टठा किया जाए. ताकि ठोस सबूतों के जरिए अभियुक्तों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके.राज्य पुलिस इस बात को मानती है कि लैगिंग अपराध के पीड़ितों की साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग के लिए ऐसी महिला पुलिस पदाधिकारी की अवश्यकता होती है. जो पीड़ित बच्चे-बच्चियों को देखकर घबराए नही। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित का प्राथमिक उपचार, पट्टी और टीका लगा सके।
सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश
सीआईडी ने विशेष यूनिट के गठन को लेकर सभी पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि वे अपने जिले से महिला पुलिस पदाधिकारी व महिलाकर्मी को चयनित कर भेंजे. इसके लिए गूगल फार्म भी उपलब्ध कराया गया है. गूगल फार्म भरने के लिए अलग से लिंक और क्यूआर कोड भी भेजा गया है
3 हजार से ज्यादा मामले
झारखंड में मार्च 2023 तक पिछले तीन साल में हेमंत सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य में पॉक्सो एक्ट के तहत 3388 मामले दर्ज किए गए थे. यह जानकारी बजट सत्र में भाजपा विधायक मनीष जायसवाल के सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने दिया था.
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